शनिवार, 21 दिसंबर 2024

#मूंग की दाल के फायदे

*कमाल की है ‘मूंग की दाल हम इसे बीमारियों में क्यों खाते हैं?*
 
#मूंग की दाल के फायदे
#मूंग की दाल के फायदे

 

सभी जानते हैं कि दालें प्रोटीन से भरपूर होती हैं, लेकिन दालों में सबसे उत्तम, स्वास्थवर्द्धक तथा शक्तिवर्द्धक दाल मूंग की होती है।

मूंग की दाल की खास बात है कि यह सुपाच्य होती है।
इसके अतिरिक्त मूंग की दाल में कार्बोहाइड्रेट, कई प्रकार के विटामिन, फॉस्फोरस और खनिज तत्व पाए जाते हें, जो अनेक बीमारियों से लड़ने की क्षमता रखते हैं।
 मूंग साबूत हो या धुली, पोषक तत्वों से भरपूर होती है।
अंकुरित होने के बाद तो इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन्स की मात्रा दोगुनी हो जाती है।
अंकुरित मूंग दाल में मैग्नीशियम, कॉपर, फोलेट, राइबोफ्लेविन, विटामिन-सी, फाइबर, पोटेशियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन, विटामिन बी-6, नियासिन, थायमिन और प्रोटीन होता है।

कुछ लोगों को लगता है कि मूंग दाल बीमारी में खाने के लिए होती है, जबकि मूंग दाल में इतने पौष्टिक तत्व होते है कि अपनी खुराक में उसे शामिल करना ही चाहिए।
 मात्र एक कटोरी पकी हुई मूंग की दाल में 100 से भी कम केलौरी होती है।
इसे खाने के बाद लम्बे समय तक भूख नहीं लगती है।
रात के खाने में रोटी के साथ एक कटोरी मूंग दाल खाने से भरपूर पोषण मिलता है और जल्द ही बढ़ा वजन कम होता है।
इस तरह मोटापा घटने में मूंग दाल महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
 शोध बताते हैं कि मूंग दाल खाने से त्वचा कैंसर से सुरक्षा भी मिलती है। 

 मूंग की मदद से आसानी से रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है, साथ ही मूंग कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करती है।
ये सोडियम के प्रभाव को कम कर देती है, जिससे रक्तचाप बढ़ता नहीं है।
 मूंग आयरन की कमी को पूरा करने में सक्षम है।
आमतौर पर, शाकाहारी लोग अपने खाने में कम आयरन लेते हैं।
अपनी खुराक में मूंग को शामिल करके आयरन की कमी दूर की जा सकती है, जिससे एनीमिया का जोखिम भी अपनी आप कम हो जाएगा।
 दाद, खाज-खुजली की समस्या में मूंग की दाल को छिलके सहित पीस कर लेप बनाकर उसे प्रभावित जगह पर लगाने से लाभ होता है।

 टायफॉयड होने पर मूंग की दाल खाने से मरीज को बहुत आराम मिलता है।
किसी भी बीमारी के बाद शरीर कमजोर हो जाता है।
 मूंग की दाल खाने से शरीर को ताकत मिलती है।

मूंग की दाल के लेप से ज्यादा पसीना आना भी रुक जाता है।
दाल को हल्का गर्म करके पीस लें। फिर इस पाउडर में कुछ मात्रा पानी की मिला कर लेप की तरह पूरे शरीर पर मालिश करें, ज्यादा पसीना आने की शिकायत दूर हो जाएगी।
मूंग को अंकुरित करके भी उपयोग में लाया जा सकता है, यह बहुत ही गुणकारी और स्वास्थ्वर्द्धक है तथा इसके सेवन से अनेक रोगों से बचाव किया जा सकता है और मुक्ति पायी जा सकती है।
अंकुरित मूंग का सेवन अवश्य करना चाहिए क्योंकि यह शरीर में आवश्यक तत्वों की कमी पूरी करती है और शरीर को मजबूत बनाती है।
यह सुपाच्य भी है।
इससे बेहतर शाकाहारी खाद्य सामग्री कोई नहीं होती है।

 अंकुरित मूंग में ग्लूकोज लेवल बहुत कम होता है इस वजह से मधुमेह रोगी इसे खा सकते हैं।
अंकुरित मूंग के सेवन से पाचन क्रिया हमेशा सही बनी रहती है जिसके कारण पेट सम्बंधी समस्या नहीं होती है और जीवन खुशहाल रहता है।
अंकुरित मूंग में शरीर के विषाक्त तत्वों को निकालने का गुण होता है।
 इसके सेवन से शरीर में विषाक्त तत्वों में कमी आती है और शरीर स्वस्थ तथा चुस्त रहता है।
अंकुरित मूंग का नियमित सेवन करने से उम्र का असर जल्दी ही चेहरे पर दिखाई नहीं देता है।
 अंकुरित मूंग में पेप्टिसाइड होता है जो रक्तचाप को संतुलित रखता है और शरीर को स्वस्थ एवं सुदृढ़ बनाए रखने में कारगर होता है।

 अंकुरित मूंग में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जिससे अपच और कब्ज की समस्या नहीं होती है तथा पाचन क्रिया दुरुस्त बनी रहती है।
 मूंग की दाल में ऐसे गुण होते हैं जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देते हैं और उसे बीमारियों से लड़ने की ताकत देते हैं।

मूंग के फायदे:

  1. पाचन सुधारता है: मूंग पचने में आसान होते हैं और पाचन को बेहतर बनाते हैं, जिससे कब्ज, गैस, और अपच की समस्याएं दूर हो सकती हैं।
  2. हाई प्रोटीन: मूंग में उच्च प्रोटीन होता है जो मांसपेशियों के विकास, ऊर्जा, और टिशू रिपेयर के लिए फायदेमंद होता है।
  3. हृदय स्वास्थ्य: मूंग में एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करते हैं, जिससे हृदय रोगों का जोखिम कम हो सकता है।
  4. वजन घटाने में सहायक: मूंग में कम कैलोरी और अधिक फाइबर होता है, जो भूख को नियंत्रित करता है और वजन घटाने में सहायक हो सकता है।
  5. एनीमिया से बचाव: मूंग आयरन, फोलिक एसिड, और विटामिन B-12 से भरपूर होते हैं, जो एनीमिया से बचाव में सहायक हो सकते हैं।

नुकसान:

  1. अतिसेवन से गैस और अपच: अधिक मात्रा में मूंग का सेवन गैस, सूजन, या पेट में दर्द कर सकता है।
  2. एलर्जी की संभावना: कुछ लोगों में मूंग की दाल या अन्य उत्पादों से एलर्जी हो सकती है, जिससे त्वचा पर रिएक्शन या सूजन हो सकती है।
  3. उच्च प्रोटीन के कारण किडनी पर दबाव: जिन लोगों को किडनी की समस्याएं हैं, उनके लिए अत्यधिक प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ नुकसानदेह हो सकते हैं।
  4. पाचन समस्याएं: अधिक मात्रा में कच्चे मूंग खाने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

सेवन का तरीका:

  1. भिगोकर सेवन: मूंग को रातभर भिगोकर रखें और फिर छिलके हटा कर या अंकुरित करके खाएं। यह पचने में आसान होते हैं।
  2. चाय, सलाद, या करी में शामिल करें: मूंग का उपयोग सलाद, दलिया, सूप, और करी में स्वाद और पोषण के लिए किया जा सकता है।
  3. मूंग दाल के रूप में खाना: अंकुरित मूंग को विभिन्न प्रकार की दाल या खिचड़ी में शामिल करें।

रोगों में लाभ:

  1. पाचन समस्याएं: मूंग पेट संबंधी समस्याओं जैसे कब्ज, अपच, और एसिडिटी में राहत दे सकते हैं।
  2. हृदय रोग: कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करने में मददगार है, जिससे हृदय स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
  3. वजन घटाने में मदद: फाइबर की अधिकता के कारण वजन घटाने में सहायता करता है।
  4. एनीमिया से बचाव: आयरन और फोलिक एसिड से भरपूर होने के कारण एनीमिया में लाभकारी हो सकते हैं।

सावधानीपूर्वक और संतुलित मात्रा में मूंग का सेवन करने से स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं।

 

#मुंह की लार – सेहत का भंडार!*

#मुंह की लार – सेहत का भंडार!*

#मुंह की लार – सेहत का भंडार!*

 
*मुंह की लार के फायदे* 
मुंह की लार के विषय में आज हम जो बताने जा रहे हैं, उसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे कि मुंह की लार आपके जीवन को संवारने में कितना महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.¿

*मुंह की लार के फायदे* 
राजीव भाई ने इस पर बहुत प्रयोग किये थे, रात्रि को अच्छी तरह कुल्ला करके सोये व सुबह अपने मुंह की बासी लार का प्रयोग करे।
 जो हम आपको बताने जा रहे हैं, जिसे अपना कर आप कई बीमारियों को खुद से दूर रख सकते हैं.

1  दिन की शुरुआत पानी से करें

सुबह उठते ही सबसे पहले उम्र के हिसाब से अगर छोटे बच्चे हैं तो एक क्लास बड़े हैं तो दो से तीन ग्लास पानी पी लें. याद रखें सुबह का पानी कुल्ला करने से भी पहले पीना चाहिए. और साथ हीं यह भी याद रखें की पानी कभी भी घूट – घूट कर धीरे-धीरे और बैठकर हीं पीना चाहिए.

2  सुबह का लार है अनमोल

कहते हैं सुबह का लार पेट के लिए बेहद लाभदायक होता है. जब आप पानी पीते हैं तो रात भर मुंह में जमा लार पानी के साथ आपके पेट के अंदर जाता है. जो पेट के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है. अगर आपका पेट अच्छा रहेगा तो और सब भी अच्छा, इसलिए सुबह की लार बेहद कीमती है. इसे यूं ही बर्बाद ना करें.

3  किडनी का दोस्त

सुबह की लार ही नहीं पूरे दिवस व जीवन पर्यंत जब हम पानी को मुँह में घुमा घूमा कर पीते हैं जिसके कारण पानी में लार घुल कर पेट में जाता है और पेट से अन्य उपांगों में उन सभी उपांगों को स्वस्थ रहने में मदद करता है  अमेरिका के डॉक्टर ने 12 वर्ष शोध करने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुँचे की घुट घुट पानी पीने वाले किडनी रोगी का डायलसिस की प्रक्रिया में कमी आती है और अंत में किडनी पूणतः स्वस्थ हो जाती है।

4  चश्मा उतारने में मददगार

सुबह की लार काजल की तरह आंखों में लगाने से, आंखों की रोशनी बढ़ती है. और चश्मा तक उतर जाता है.

5 आंख आना (कंजक्टिवाइटिस)

इसमें आंखें लाल हो जाती है. आंखों में काफी दर्द होता है. जलन के साथ खुजलाहट भी रहता है. आंखों से पानी आता रहता है. और आंखों में कीचड़ भी जमा होता रहता है. अगर सुबह की लार आप अपनी आंखों में लगाएंगे तो कहते हैं 24 घंटे के भीतर आंख ठीक हो जाता है.

6. नयन के सभी रोग 
 जो इंसान सुबह की बासी लार काजल की तरहः आंखों में लगता है उसे जीवन भर नयन के कोई रोग नही होता है संक्षेप में कंहुँ तो लगभग आँखों के 22- 23 रोग इसके नियमित सेवन से नस्ट होता है

7 जलने के दाग

यहां तक की सुबह – सुबह की लार जले हुए दाग पर रोज़ लगाने से 6 – 8 महीने में दाग मिटने लगते हैं.

8 सभी चर्म रोग

सुबह की लार से नियमित मालिश  से सभी चर्म रोग नष्ट होते हैं

9 सभी प्रकार के जख्म

सुबह की बासी लार को मलहम की तरहः नियमित उपयोग कर सभी प्रकार के जख्म को भरा जा सकता है अनमोल औषधि है(यँहा तक मधुमेह रोगी के जख्म को भी जल्द से जल्द भरती है)

10. बालो की समस्या (झड़ना व सफेद व गंजापन)

सुबह की बासी लार की नियमित मालिश से बालो की समस्या नष्ट होती है

11. चेहरे की समस्या 

त्वचा के सभी रोग इसके नियमित मालिस से नष्ट होता है कील मुँहासे रूखापन दाग धब्बे

ये है मुंह की लार के फायदे  इतना ही नहीं मुंह की लार और भी बहुत सारी बीमारियां, जैसे एक्जिमा, सोरायसिस, और भेंगापन जैसी बीमारियों मे भी काफी फायदेमंद साबित होता है. तो क्यों ना आज से हीं हम अपना यह रूटीन बना लें, कि सुबह उठते हीं सबसे पहले भरपूर मात्रा में पानी पीएं, और बीमारियों को अलविदा कहें

कैंसर रोगी या अन्य रोग के कारण जब उनके लार बनने की प्रक्रिया बन्द हो जाती है तो यही लार 10ml लगभग 10 से 15 हजार में मिलती है वो भी किसी और का जुठा

जब आपके लार बनने की क्षमता कम हो जाए तो उसकी अचूक औषधि है अपनी रसोई में हर कड़वी व कसैली जैसे मेथी,आवला,त्रिफला,व सभी प्रकृति के द्वारा प्रदान किये गए दातुन व उनके पत्ते जैसे निम करंज बबूल महुआ जामुन कदम्ब आम अमरूद बेल पीपल अपामार्ग बांस इत्यादि

जो इंसान अप्राकृतिक मंजन (आर्थत पेस्ट केमिकल युक्त) का, नशीली वस्तुयों का, सेवन करते है या किसी रोग के उपचार में उपयोग एलोपैथी दवा का दुष्प्रभाव उनकी लार बनने की क्षमता कम होती है। ♈🙏🏻

मुंह की लार (सिबिला) का सेवन करने के फायदे और नुकसान दोनों हो सकते हैं। इसके सेवन की प्रक्रिया और इसके कुछ रोगों में लाभ व हानि की जानकारी निम्नलिखित है:

फायदे:

  1. प्राकृतिक एंटीबायोटिक: लार में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो मुंह के कीटाणुओं को मारने में मदद कर सकते हैं।
  2. पाचन में सहायक: लार में एन्जाइम्स होते हैं जो भोजन को पचाने में मदद करते हैं और पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाते हैं।
  3. मूत्र मार्ग में लाभ: लार शरीर में हाइड्रेशन बनाए रखने में मदद करती है, जिससे मूत्र मार्ग से संबंधित समस्याएं कम हो सकती हैं।
  4. मुँह के रोगों में मदद: लार में मौजूद एंटीसेप्टिक गुण मसूड़ों और दांतों के रोगों से राहत दिलाने में सहायक हो सकते हैं।

नुकसान:

  1. संक्रमण का खतरा: यदि किसी के मुंह में संक्रमण हो, तो लार से वह संक्रमण दूसरों को भी फैल सकता है।
  2. पाचन संबंधी समस्याएं: अत्यधिक लार का सेवन करने से पाचन तंत्र पर अधिक दबाव पड़ सकता है, जिससे गैस, एसिडिटी या अपच की समस्याएं हो सकती हैं।
  3. मुँह की बदबू: अधिक लार के सेवन से मुंह में बैक्टीरिया की संख्या बढ़ सकती है, जिससे बदबू हो सकती है।
  4. स्वास्थ्य जोखिम: यदि किसी को मुंह के संक्रमण या बीमारी है, तो लार का सेवन स्थिति को और बिगाड़ सकता है।

सेवन का तरीका:

  • मितव्ययी सेवन: यदि किसी को स्वच्छ और स्वस्थ लार का सेवन करना है, तो इसे आदतन नहीं करना चाहिए। हानिकारक बैक्टीरिया के खतरे से बचने के लिए हाइजीन का ध्यान रखना आवश्यक है।
  • स्वच्छता का ध्यान रखना: लार का सेवन करने से पहले और बाद में अपने हाथों की साफ-सफाई और मुँह की सफाई का ध्यान रखना चाहिए।
  • समस्या हो तो डॉक्टर से परामर्श: अगर लार खाने से स्वास्थ्य में कोई समस्या हो रही है, तो उचित मार्गदर्शन के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।

इसलिए लार का सेवन फायदेमंद हो सकता है यदि सही तरीके से और स्वच्छता का पालन करते हुए किया जाए।

 

#चुकंदर खाने के फायदे

🌰चुकंदर जूस के फायदे, कैसे बनाए🌰 इसे भी आजमाए



चुकंदर (Beetroot) एक पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक सब्जी है, जिसका सेवन कई बीमारियों में लाभदायक हो सकता है। इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन, खनिज, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। इसके फायदे, नुकसान, सेवन का तरीका और रोगों में उपयोग के बारे में जानिए:

आइए जानते हैं चुकंदर का जूस पीने के फायदे और चुकंदर जूस कैसे निकालें। हर उम्र के स्त्री-पुरुष, बच्चे और जिम करने, ऐक्टिव लाइफस्टाइल वाले लोगों को चुकंदर का जूस जरूर पीना चाहिए। एक दिन में 2 कप जूस या 1 गिलास चुकंदर का रस पीना पर्याप्त है।


चुकंदर खाने के फायदे

  1. रक्तचाप नियंत्रित करता है:

    • चुकंदर में मौजूद नाइट्रेट्स शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड में बदलकर रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
  2. रक्त की गुणवत्ता सुधारता है:

    • इसमें आयरन की उच्च मात्रा होती है, जो खून की कमी (एनीमिया) में मदद करता है।
  3. पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है:

    • चुकंदर में फाइबर अधिक होता है, जो पाचन को सुचारू करता है और कब्ज से राहत देता है।
  4. हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा:

    • यह खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करता है और दिल की बीमारियों से बचाव करता है।
  5. त्वचा को निखारता है:

    • चुकंदर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा में निखार लाते हैं और एजिंग को धीमा करते हैं।
  6. मस्तिष्क के लिए फायदेमंद:

    • नाइट्रेट्स मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को बढ़ाकर मेमोरी और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में सुधार करते हैं।
  7. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है:

    • विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर चुकंदर इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
  8. शारीरिक ऊर्जा में वृद्धि:

    • चुकंदर खाने से ऊर्जा स्तर बढ़ता है, जिससे यह एथलीट्स और व्यायाम करने वालों के लिए आदर्श है।

चुकंदर खाने के नुकसान

  1. किडनी स्टोन का खतरा:

    • इसमें ऑक्सालेट्स की मात्रा अधिक होती है, जो किडनी स्टोन का कारण बन सकता है।
  2. ब्लड शुगर बढ़ा सकता है:

    • चुकंदर में प्राकृतिक शर्करा होती है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए समस्या उत्पन्न कर सकती है।
  3. पाचन समस्या:

    • अधिक मात्रा में चुकंदर खाने से पेट में गैस, डायरिया या सूजन हो सकती है।
  4. ब्लड प्रेशर बहुत कम कर सकता है:

    • जिन लोगों का ब्लड प्रेशर सामान्य से कम रहता है, उन्हें चुकंदर का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए।
  5. यूरिन का रंग बदलना:

    • चुकंदर खाने से यूरिन और स्टूल का रंग गुलाबी या लाल हो सकता है, जो सामान्य है, लेकिन चिंता का कारण बन सकता है।

चुकंदर खाने का सही तरीका

  1. सलाद में:

    • चुकंदर को कच्चा काटकर अन्य सब्जियों के साथ सलाद के रूप में खाएं।
  2. जूस के रूप में:

    • ताजे चुकंदर का रस बनाकर पिएं। इसे गाजर, सेब, या अदरक के साथ मिलाकर और भी स्वादिष्ट बनाया जा सकता है।
  3. सूप और स्मूदी:

    • चुकंदर का सूप या स्मूदी बनाकर सेवन करें।
  4. पकाकर खाएं:

    • चुकंदर को हल्का उबालकर या भूनकर खाया जा सकता है।
  5. सब्जी या पराठे में:

    • इसे ग्रेट करके सब्जी या पराठे में मिलाएं।

रोगों में चुकंदर के लाभ

  1. एनीमिया (खून की कमी):

    • आयरन और फोलेट की उच्च मात्रा खून बढ़ाने में मदद करती है।
  2. ब्लड प्रेशर:

    • उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिए नियमित चुकंदर का सेवन फायदेमंद है।
  3. दिल की बीमारियां:

    • खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और हृदय को स्वस्थ रखने में सहायक।
  4. लिवर डिटॉक्स:

    • चुकंदर का सेवन लिवर को डिटॉक्स करता है और उसके कार्य को सुधारता है।
  5. कैंसर से बचाव:

    • इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और बेटालेंस कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकते हैं।
  6. पाचन तंत्र:

    • फाइबर युक्त चुकंदर कब्ज और पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करता है।

चुकंदर का सेवन कब और कितना करें?

  • कितना खाएं:

    • दिन में 1-2 मध्यम आकार के चुकंदर या 1 गिलास चुकंदर का रस पर्याप्त है।
  • कब खाएं:

    • सुबह के समय या भोजन के साथ सेवन करना बेहतर है।
  • कौन-कौन सावधानी बरतें:

    • किडनी स्टोन, लो ब्लड प्रेशर, या डायबिटीज के मरीज डॉक्टर की सलाह लेकर चुकंदर खाएं।



चुकंदर का जूस के फायदे और बनाने का तरीका 

एक कप चुकंदर जूस में 2.8 ग्राम प्रोटीन, 0.3 ग्राम फैट, 4.2 ग्राम फाइबर, 23 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 98 कैलोरी एनर्जी होती है।चुकंदर को इंग्लिश में Beetroot कहते हैं। चुकंदर के पोषक तत्व शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं, खून बढ़ाते हैं, शरीर की टूट-फूट ठीक करते हैं।


चुकंदर के फायदे चेहरे के लिए – स्किन प्रॉब्लम दूर करे और ग्लो लाए 
अगर आप एक महीने तक रोजाना चुकंदर का जूस पीते हैं तो आपका चेहरा देखने वाला हर कोई फर्क महसूस करेगा। चुकंदर जूस खून साफ करता है जिससे चेहरे की झुर्रियाँ ठीक करे और नई हेल्दी स्किन बनाने का काम भी करता है।
चुकंदर में Folate होते हैं जोकि एंटी-एजिंग के लिए बहुत बढ़िया काम करता है। चुकंदर जूस (Beetroot juice) स्किन की समस्याओं जैसे डार्क स्पॉट, कॉम्प्लेक्शन बराबर न होना, दाग-धब्बे, ड्राइनेस में फायदेमंद है।


शरीर में लोहे (Iron) की कमी दूर करे और एनीमिया ठीक करे 
औरतों में अक्सर ही देखा गया है कि पीरियड या मेनोपाज़ की वजह से खून की कमी हो जाती है जिससे थकान, चक्कर आना, सिरदर्द, सांस फूलना, कमजोरी, चेहरे का रंग उड़ना, मूड सही न रहना जैसी दिक्कतें होती हैं।
कई रोगों से भी शरीर का खून कम हो जाता है जिसे चुकंदर का रस पीकर ठीक किया जा सकता है। रोगी आदमी को चुकंदर जूस दिया जाता है जिससे खून की कमी पूरी हो सके।
चुकंदर के रक्त संचार (Blood circulation) बढ़ाने के फायदे –
चुकंदर की ये ऐसी खासियत है जोकि कई तरह से फायदा देती है। अगर शरीर के हर हिस्से में खून का दौरा सही से होगा तो हर भाग को आक्सिजन मिलेगी और वो अंग स्वस्थ होगा। चाहे आपका दिमाग हो, स्किन हो या प्रजनन अंग।
चुकंदर जूस से दिमाग तेज बनता है और सेक्शुअल हेल्थ भी अच्छी होती है। चुकंदर हॉर्मोनल बैलन्स मेन्टेन करता है। चुकंदर की ये खासियत उसमें पाए जाने वाले भरपूर नाइट्रैट की वजह से होती है। चुकंदर का नाइट्रैट शरीर में आने के बाद नाइट्रिक आक्साइड बनाता है, जोकि ब्लड सर्कुलेशन बढ़िया करता है।

स्टैमिना बढ़ाता है चुकंदर –
हर रोज एक ग्लास चुकंदर का रस पीना आपका शारीरिक दमखम (Stamina) बढ़ाता है। चूंकि चुकंदर जूस शरीर में ऑक्सीजन लेवल सही करता है इसलिए एक्सरसाइज़ या फिज़िकल ऐक्टिविटी के दौरान शरीर को बाहर से ऑक्सीजन पूर्ति की कुछ कम जरूरत पड़ती है।

इससे आप जल्दी नहीं थकते। पूरे दिन भर एनर्जी बनी रहती है और आप लंबी workout भी कर पाएंगे।

चुकंदर में क्या होता है – Chukandar ke fayde 
चुकंदर रस (Chukandar ka juice) से हमें कैल्शियम, आयरन, जिंक, सेलेनियम, कॉपर, मैगनिशियम, मैंगनीज, सोडीयम, फॉसफोरस तत्व मिलते हैं जिनके Nutritional benefits इस प्रकार हैं :
 • विटामिन B6 – मेटबॉलिस्म ठीक करे और खून की लाल रक्त कोशिकाएं बनायें
 • कैल्शियम – हड्डियों व दांतों को स्वस्थ रखे और मजबूत बनाए
 • आयरन – खून में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाए
 • मैगनिशियम – इम्यून सिस्टम मजबूत करे और हार्ट, मांसपेशी, तंत्रिका-तंत्र को स्वस्थ करे
 • मैंगनीज – मेटबॉलिस्म और ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करे
 • फॉसफोरस – दांत, हड्डी, कोशिकाओं को रिपेयर करे
 • जिंक – घाव भरे, शरीर में सही वृद्धि करे, इम्यून मजबूत करे
 • कॉपर – कॉलेजन बनाता है जोकि रक्त धमनियाँ, हड्डी बनाए व इम्यून ठीक करने में मदद करे
चुकंदर जूस के बारे में 1 खास बात –

चुकंदर का रस फिज़िकल परफॉरमेंस को बूस्ट करता है, यह बात साइंटिफिक स्टडी से सिद्ध हो चुकी है। इस फैक्ट से आज दुनियाभर के कई खिलाड़ी लाभ ले रहे हैं। Study के दौरान प्रोफेशनल साइक्लिस्ट को 2 कप चुकंदर जूस (Beetroot juice) पीने को दिया गया, उसके बाद 10 किलोमीटर के ट्रायल रन का परिणाम देखा गया।
नतीजा जबर्दस्त था, करीब 12 सेकंड टाइम इम्प्रूवमेंट मिला और थकान भी कम थी। आपको लग सकता है कि 12 सेकंड तो कुछ भी नहीं होते लेकिन एक प्रोफेशनल गेम में टॉप प्लेयर्स के परफॉरमेंस में 1 सेकंड का अंतर भी बहुत ज्यादा महत्व रखता है।
विटामिन C का अच्छा स्रोत है चुकंदर –
इसमें विटामिन सी काफी मात्रा में होता है। विटामिन सी स्किन को युवा बनाता है, घाव जल्दी भरता है, इम्यूनिटी बढ़ाता है और बॉडी को भोजन से आयरन सोखने में मदद करता है।

लिवर की मदद करता है चुकंदर –
चुकंदर में Betaine होता है जोकि लिवर की सफाई करने में मदद करता है। लिवर शरीर की सफाई करने का काम करता है, शरीर में जमा टॉक्सिन का ओवरलोड लिवर को बीमार कर सकता है।
 

निष्कर्ष

चुकंदर एक सुपरफूड है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। हालांकि, इसे संतुलित मात्रा में और अपने स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार सेवन करना चाहिए। इसका नियमित उपयोग आपको लंबे समय तक स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखेगा।

 

#मीठा खाना हमारे शरीर के लिए फायदेमंद और हानिकारक दोनों

☘️ *_#मीठा : सेहत के लिए नही अच्छा : 
 
 


 
एक महीने के लिए मीठा छोड़कर देखिए, आप खुद महसूस करने लगेंगे ये 14 बदलाव_*

मीठा खाना हमारे शरीर के लिए फायदेमंद और हानिकारक दोनों हो सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम इसे किस मात्रा और प्रकार में खाते हैं। यहाँ मीठा खाने के फायदे, नुकसान, सही तरीके और इसके रोगों में लाभ-हानि का वर्णन है:


मीठा खाने के फायदे

  1. ऊर्जा का मुख्य स्रोत:

    • मीठे में मौजूद ग्लूकोज और सुक्रोज़ शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करते हैं।
  2. मस्तिष्क के लिए लाभदायक:

    • मीठा खाने से ब्रेन में सेरोटोनिन का स्तर बढ़ता है, जिससे मूड बेहतर होता है।
  3. खून में शुगर का स्तर बनाए रखना:

    • हल्की मात्रा में मीठा ब्लड शुगर को बनाए रखने में मदद करता है।
  4. हृदय स्वास्थ्य:

    • प्राकृतिक मिठास जैसे शहद और गुड़ में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो दिल की सेहत को सुधारते हैं।
  5. पाचन सुधारता है:

    • गुड़ का सेवन पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और कब्ज को दूर करता है।
  6. वजन बढ़ाने में सहायक:

    • जिन लोगों का वजन कम है, उनके लिए मीठा एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
  7. त्वचा के लिए फायदेमंद:

    • शहद और गुड़ त्वचा में नमी बनाए रखते हैं और त्वचा को चमकदार बनाते हैं।

मीठा खाने के नुकसान

  1. मोटापा बढ़ाना:

    • अधिक मीठा खाने से शरीर में फैट जमा होता है और मोटापा बढ़ता है।
  2. डायबिटीज का खतरा:

    • अधिक मात्रा में मीठा खाने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है।
  3. दांतों की समस्याएं:

    • चीनी का अधिक सेवन दांतों में कैविटी और सड़न पैदा कर सकता है।
  4. हृदय रोगों का खतरा:

    • अधिक चीनी खाने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है, जिससे दिल की बीमारियां हो सकती हैं।
  5. शुगर क्रैश:

    • ज्यादा चीनी खाने से ब्लड शुगर अचानक बढ़ने और गिरने से थकावट महसूस हो सकती है।
  6. सूजन और संक्रमण:

    • अधिक मीठा खाने से शरीर में सूजन बढ़ सकती है और इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है।

मीठा खाने का सही तरीका

  1. प्राकृतिक मिठास चुनें:

    • सफेद चीनी के बजाय गुड़, शहद, खजूर, या फल से प्राप्त मिठास का उपयोग करें।
  2. मात्रा पर ध्यान दें:

    • रोजाना चीनी की मात्रा 25-30 ग्राम (6-7 चम्मच) से अधिक न लें।
  3. खाने के बाद न खाएं:

    • भोजन के तुरंत बाद मीठा खाने से पाचन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
  4. फिजिकल एक्टिविटी:

    • मीठा खाने के बाद शारीरिक गतिविधि करें ताकि कैलोरी बर्न हो सके।
  5. संतुलित आहार के साथ:

    • मीठा हमेशा संतुलित आहार का हिस्सा होना चाहिए, न कि अधिक मात्रा में।

रोगों में मीठे का लाभ

  1. एनर्जी बूस्टर:

    • लो ब्लड शुगर या कमजोरी में शहद या गुड़ का सेवन तुरंत ऊर्जा देता है।
  2. गले के संक्रमण में शहद:

    • शहद का सेवन गले की खराश और संक्रमण को ठीक करने में मदद करता है।
  3. पाचन समस्याओं में गुड़:

    • गुड़ का नियमित सेवन पाचन सुधारता है और गैस्ट्रिक समस्याओं को दूर करता है।
  4. ब्लड प्रेशर में:

    • शहद और खजूर लो ब्लड प्रेशर में फायदेमंद होते हैं।

रोगों में मीठे का नुकसान

  1. डायबिटीज रोगियों के लिए खतरनाक:

    • चीनी या मीठे पदार्थ का अधिक सेवन रक्त शर्करा को बढ़ा सकता है।
  2. हृदय रोगियों में:

    • अधिक चीनी ट्राइग्लिसराइड्स और खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकती है।
  3. लीवर की समस्या:

    • अधिक चीनी का सेवन फैटी लिवर का कारण बन सकता है।

सावधानियां और सुझाव

  1. प्राकृतिक विकल्प चुनें:
    • सफेद चीनी से बचें और प्राकृतिक मिठास का उपयोग करें।
  2. मीठे का समय:
    • दिन के समय मीठा खाना बेहतर है, रात में खाने से वजन बढ़ सकता है।
  3. व्यायाम जरूरी:
    • मीठा खाने वालों को नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए।

मीठा स्वादिष्ट और उपयोगी है, लेकिन इसे संतुलित मात्रा में और सही तरीके से खाना ही स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।


स्वस्थ भारत सबल भारत 

 मीठा बोलना तक तो ठीक है पर मीठा खाना सेहत कै लिए उतना ही नुकसानदायक है जानिये मीठे से होने वाले प्रभावों को ...

*1 चीनी का सेवन*
चीनी का सेवन आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और आपके शरीर को ऊर्जा मिलती है। मीठा खाना लगभग हर किसी को पसंद होता है, यह जानते हुए भी कि आजकल के दौर में हम शारीरिक तौर पर ज्यादा मेहनत नहीं करते, फिर भी मीठा तो बहुत से लोगों की वीकनेस है।

*2 मीठा*
वैसे इस श्रेणी में मैं भी शामिल हूं। खाने के बाद मीठा तो जरूर चाहिए, मौसम अच्छा हो तो मीठा चाहिए, गर्मी ज्यादा हो तो मिल्कशेक चाहिए, ठंड हो तो जलेबी या गर्मागर्म हलवा चाहिए। बाकी बिना किसी अवसर के भी कभी-कभी मीठा खाया जाए तो कोई क्या प्रॉब्लम है।

*3 बिना मीठे के भोजन*
लेकिन क्या कभी आपने ये सोचा है अगर खाने से मीठे की मात्रा हटा ली जाए, आपके भोजन से चीनी को पूरी तरह गायब कर दिया जाए तो शरीर पर किस तरह के प्रभाव देखने को मिलते हैं? नहीं सोचा तो चलिए हम ही आपको बता देते हैं कि अगर आप आने वाले एक महीने तक चीनी को अलविदा कह देते हैं इससे आपको शारीरिक या मानसिक रूप से क्या अंतर देखने को मिलता है।

*4 दिल की सेहत*
आपके दिल की सेहत बहुत अच्छी रहती है, आपका दिल शरीर का सबसे संवेदनशील भाग होता है। इस वजह से उसे कहीं ज्यादा आपकी केयर की जरूरत होती है। अगर आप अपनी दिनचर्या से चीनी को हटा देंगे तो यकीन मानिए इससे आपके दिल को बहुत आराम मिलेगा और साथ ही वह और जवान रहेगा।

*5 त्वचा*
आपकी त्वचा पर भी इसका स्पष्ट असर नजर आएगा। वह स्वस्थ और चमकदार तो बनेगी ही साथ ही साथ अगर आपाके चेहरे पर गड्ढे या खुस्ले छिद्र हैं तो वो भी गायब हो जाएंगे। आप जितनी चाहे क्रीम, लोशन या फिर अन्य दवाइयां उपयोग कर लीजिए, सबसे बेहतरीन असर आपको चीनी छोड़ने के बाद ही मिलेगा।

*6 जोड़ों के दर्द से मुक्ति*
अगर आपको जोड़ों के दर्द की शिकायत रहती है तो एक बार आप चीनी छोड़कर देखिए। आपको फर्क अपने आप ही नजर आ जाएगा।

*7 आराम की नींद*
मीठा ज्यादा खा लेने की वजह से नींद भी सही से नहीं आती। आपने खुद ये नोटिस किया होगा कि जिस रात आप मीठा ज्यादा खा लेते हैं, उस रात नींद आने में परेशानी होती है। कई बार स्थिति इनसोमनिया तक पहुंच जाती है। इसलिए आपको मीठा कम से कम ही खाना चाहिए।

*8 झुर्रियों से मुक्ति*
वे लोग जो अपने भोजन में मीठे की मात्रा कम रखते हैं उनके चेहरे पर उम्र की परछाई बहुत देर से पड़ती है। ज्यादा चीनी खाने से चेहरे की त्वचा में सूजन आने लगती है, आपका चेहरा झुर्रियों से मुक्त तभी रहेगा जब आप मीठा खाने की आदत को कम कर देंगे।

*9 वजन कमा होना*
मीठा छोड़ने से वजन तो कम होगा ही और ये सबसे बड़ा कारण है कि आपको आज ही मीठे खाद्य पदार्थों को से दूरी रखनी शुरू कर देनी चाहिए।

*10 आपकी याद्दाश्त*
मीठा छोड़ने के बाद आपकी याद्दाश्त भी बढ़ती है, आपके बोलचाल का तरीका प्रभावी होता है और आप सामने वाले की बात बड़ी आसानी और स्पष्ट तरीके से समझ सकते हैं।

*11 मधुमेह से बचाव*
मीठे की मात्रा कम रखने से आप मधुमेह से भी बचते हैं, अगर कभी आपका मीठा खाने का मन करे तो आप मेवे खाकर अपनी क्रेविंग शांत कर सकते हैं।

*12 आपकी आंते*
आपकी आंते अच्छे तरीके से काम करने लगती हैं, जब आप अपने खाने से मीठा हटा लेते हैं तो खाना ना सिर्फ आसानी से पचता है बल्कि वह आपके पेट और आंतों को नुकसान भी नहीं पहुंचाता।

*13 रोग प्रतिरोधक क्षमता*
आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, बस आपको एक बार अपने मस्तिष्क को इस बात के लिए राजी करना है कि अब से आप मीठा नहीं खाएंगे। खुद देखिएगा कि किस तरह आप संक्रमण और अन्य बीमारियों से खुद को बचा लेते हैं।

*14 स्वस्थ दांत*
मीठा छोड़ने के बाद ना सिर्फ आपको मानसिक रूप से सुकून मिलेगा बल्कि आपके दांत और मसूड़े भी ज्यादा स्वस्थ रहेंगे। आपको एक बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि मीठा खाने के तुरंत बाद कभी ब्रश ना करें क्योंकि इस समय आपके मसूड़े बहुत ज्यादा सॉफ्ट होते हैं। उन्हें नुकसान पहुंच सकता है।

भारत माता की जय 🇮🇳
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः


#खजूर के स्वास्थ्य लाभ


 #खजूर के स्वास्थ्य लाभ 

 



खजूर के स्वास्थ्य लाभ
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🔸 खजूर मधुर, शीतल, पौष्टिक व सेवन करने के बाद तुरंत शक्ति-स्फूर्ति देनेवाला है । यह रक्त, मांस व वीर्य की वृद्धि करता है । हृदय व मस्तिष्क को शक्ति देता है । वात, पित्त व कफ इन तीनों दोषों का शामक है । यह मल व मूत्र को साफ लाता है । खजूर में कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन्स, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नेशियम, फॉस्फोरस, लौह आदि प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं । ‘अमेरिकन कैंसर सोसायटी’ के अनुसार शरीर को एक दिन में 20-35 ग्राम डाएटरी फाइबर (खाद्य पदार्थों में स्थित रेशा) की जरूरत होती है, जो खजूर खाने से पूरी हो जाती है ।

🔸खजूर रातभर पानी में भिगोकर सुबह लेना लाभदायक है । कमजोर हृदयवालों के लिए यह विशेष उपयोगी है । खजूर यकृत (लीवर) के रोगों में लाभकारी है । रक्ताल्पता में इसका नियमित सेवन लाभकारी है । नींबू के रस में खजूर की चटनी बनाकर खाने से भोजन की अरुचि मिटती है । खजूर का सेवन बालों को लम्बे, घने और मुलायम बनाता है ।

🔷 औषधि-प्रयोग 🔷

🔸मस्तिष्क व हृदय की कमजोरी : रात को खजूर भिगोकर सुबह दूध या घी के साथ खाने से मस्तिष्क व हृदय की पेशियों को ताकत मिलती है । विशेषतः रक्त की कमी के कारण होनेवाली हृदय की धड़कन व एकाग्रता की कमी में यह प्रयोग लाभदायी है ।

🔸शुक्राल्पता : खजूर उत्तम वीर्यवर्धक है । गाय के घी अथवा बकरी के दूध के साथ लेने से शुक्राणुओं की वृद्धि होती है । इसके अतिरिक्त अधिक मासिक स्राव, क्षयरोग, खाँसी, भ्रम (चक्कर), कमर व हाथ-पैरों का दर्द एवं सुन्नता तथा थायरॉइड संबंधी रोगों में भी यह लाभदायी है ।

🔸 कब्जनाशक : खजूर में रेचक गुण भरपूर है । 8-10 खजूर 200 ग्राम पानी में भिगो दें, सुबह मसलकर इनका शरबत बना लें । फिर इसमें 300 ग्राम पानी और डालकर गुनगुना करके खाली पेट चाय की तरह पियें । कुछ देर बाद दस्त होगा । इससे आँतों को बल और शरीर को स्फूर्ति भी मिलेगी । उम्र के अनुसार खजूर की मात्रा कम-ज्यादा करें ।

🔸 नशा-निवारक : शराबी प्रायः नशे की झोंक में इतनी शराब पीते हैं कि उसका यकृत नष्ट होकर मृत्यु का कारण बन जाता है । इस स्थिति में ताजे पानी में खजूर को अच्छी तरह मसलते हुए शरबत बनायें । यह शरबत पीने से शराब का विषैला प्रभाव नष्ट होने लगता है ।

🔸आँतों की पुष्टि : खजूर आँतों के हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करता है, साथ ही खजूर के विशिष्ट तत्त्व ऐसे जीवाणुओं को जन्म देते हैं जो आँतों को विशेष शक्तिशाली तथा अधिक सक्रिय बनाते हैं ।

🔸हृदयरोगों में : लगभग 50 ग्राम गुठलीरहित छुहारे (खारक) 250 मि.ली. पानी में रात को भिगो दें । सुबह छुहारों को पीसकर पेस्ट बना के उसी बचे हुए पानी में घोल लें । इसे प्रातः खाली पेट पी जाने से कुछ ही माह में हृदय को पर्याप्त सबलता मिलती है । इसमें 1 ग्राम इलायची चूर्ण मिलाना विशेष लाभदायी है ।

🔸तन-मन की पुष्टि : दूध में खजूर उबाल के बच्चों को देने से उन्हें शारीरिक-मानसिक पोषण मिलता है व शरीर सुदृढ़ बनता है ।

🔸शैयामूत्र : जो बच्चे रात्रि में बिस्तर गीला करते हों, उन्हें दो छुहारे रात्रि में भिगोकर सुबह दूध में उबाल के दें ।

🔸बच्चों के दस्त में : बच्चों के दाँत निकलते समय उन्हें बार-बार हरे दस्त होते हों या पेचिश पड़ती हो तो खजूर के साथ शहद को अच्छी तरह फेंटकर एक-एक चम्मच दिन में 2-3 बार चटाने से लाभ होता है ।

🔷 सावधानी : आजकल खजूर को वृक्ष से अलग करने के बाद रासायनिक पदार्थों के द्वारा सुखाया जाता है । ये रसायन शरीर के लिए हानिकारक होते हैं । अतः उपयोग करने से पहले खजूर को अच्छी तरह से धो लें । धोकर सुखाने के बाद इन्हें विभिन्न प्रकार से उपयोग किया जा सकता है ।

🔶 मात्रा : 5 से 7 खजूर अच्छी तरह धोकर रात को भिगो के सुबह खायें । बच्चों के लिए 2-4 खजूर पर्याप्त है । दूध या घी में मिलाकर खाना विशेष लाभदायी है ।

जूर (Dates) पोषक तत्वों से भरपूर और स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यह ऊर्जा बढ़ाने, रोगों से बचाने और शारीरिक कमजोरी दूर करने में सहायक है। आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा दोनों में खजूर का सेवन स्वास्थ्य लाभ के लिए उपयोगी माना गया है।


खजूर खाने के फायदे

  1. ऊर्जा का अच्छा स्रोत:

    • खजूर में प्राकृतिक शर्करा (ग्लूकोज, फ्रक्टोज़, और सुक्रोज़) होती है, जो तुरंत ऊर्जा प्रदान करती है।
  2. पाचन तंत्र को सुधारता है:

    • इसमें फाइबर की प्रचुरता होती है, जो कब्ज और अन्य पाचन समस्याओं को दूर करता है।
  3. हड्डियों और दांतों के लिए फायदेमंद:

    • खजूर में कैल्शियम, फॉस्फोरस, और मैग्नीशियम होते हैं, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाते हैं।
  4. खून की कमी (एनीमिया) में मददगार:

    • खजूर आयरन से भरपूर होता है, जो हीमोग्लोबिन बढ़ाने और एनीमिया दूर करने में सहायक है।
  5. हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है:

    • इसमें पोटैशियम और मैग्नीशियम होते हैं, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करते हैं और दिल को स्वस्थ रखते हैं।
  6. इम्यूनिटी को बढ़ाता है:

    • खजूर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन C संक्रमण और बीमारियों से बचाव करते हैं।
  7. मस्तिष्क स्वास्थ्य में सुधार:

    • खजूर का सेवन मस्तिष्क की गतिविधियों को तेज करता है और याददाश्त को मजबूत बनाता है।
  8. वजन बढ़ाने में सहायक:

    • यह कमजोर और पतले लोगों के लिए वजन बढ़ाने का प्राकृतिक और हेल्दी तरीका है।
  9. गर्भावस्था और प्रसव में लाभकारी:

    • खजूर का सेवन गर्भवती महिलाओं में प्रसव पीड़ा को कम करता है और ऊर्जा प्रदान करता है।
  10. सेक्सुअल हेल्थ में सुधार:

    • खजूर का सेवन कामेच्छा और प्रजनन क्षमता बढ़ाने में मदद करता है।

खजूर खाने के नुकसान

  1. डायबिटीज के रोगियों के लिए सावधानी:

    • खजूर में प्राकृतिक शर्करा अधिक होती है, जो ब्लड शुगर को बढ़ा सकती है।
  2. वजन बढ़ा सकता है:

    • खजूर में कैलोरी अधिक होती है, जिससे अधिक मात्रा में सेवन वजन बढ़ा सकता है।
  3. पेट की समस्याएं:

    • अधिक खजूर खाने से गैस, पेट दर्द या दस्त हो सकता है।
  4. एलर्जी की समस्या:

    • कुछ लोगों को खजूर से एलर्जी हो सकती है, जिससे खुजली या सूजन हो सकती है।
  5. ड्रग इंटरैक्शन:

    • खजूर रक्त पतला करने वाली दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है।

खजूर खाने का सही तरीका

  1. कच्चा खाएं:

    • खजूर को सीधे खा सकते हैं। यह सबसे प्राकृतिक और प्रभावी तरीका है।
  2. दूध के साथ:

    • रात में 2-3 खजूर को दूध में उबालकर पीने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और नींद में सुधार होता है।
  3. सूखे खजूर (छुहारा):

    • सर्दियों में सूखे खजूर का सेवन शरीर को गर्म रखता है।
  4. सलाद या मिठाई में:

    • खजूर को सलाद, मिठाई या हलवे में मिलाकर खा सकते हैं।
  5. खजूर और मेवे:

    • खजूर को बादाम, काजू और अखरोट के साथ खाने से पोषण और स्वाद दोनों बढ़ता है।

रोगों में खजूर के लाभ

  1. खून की कमी (एनीमिया):

    • रोजाना खजूर खाने से आयरन की कमी दूर होती है।
  2. कब्ज:

    • रातभर पानी में भिगोकर खजूर खाने से कब्ज में राहत मिलती है।
  3. हड्डियों की कमजोरी:

    • खजूर में कैल्शियम और फॉस्फोरस हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।
  4. दिल की बीमारियां:

    • खजूर कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है और दिल को स्वस्थ रखता है।
  5. थकान और कमजोरी:

    • थकान होने पर 2-3 खजूर खाने से ऊर्जा मिलती है।
  6. गर्भावस्था में:

    • नियमित खजूर का सेवन प्रसव पीड़ा कम करने और शरीर को पोषण देने में मदद करता है।

 

☘️ *_सर्दियों में भी रहे फिट हुजूर, तो सेवन करे ऐसे स्वास्थ्यवर्धक खजूर : जानिए खजूर के गुण_*

*पोषक तत्वों से भरपूर खजूर...*

*आजमा कर देखें.!*

खजूर में 60 से 70℅ तक शर्करा होती है, जो गन्ने की चीनी की अपेक्षा बहुत पौष्टिक व गुणकारी वस्तु है।

खाने में तो खजूर बहुत स्वादिष्ट होती ही है, सेहत की दृष्टि से भी यह बहुत गुणकारी है।

इसके अलावा विभिन्न बीमारियों में भी खजूर का सेवन बहुत लाभ पहुंचाता है।

*खजूर के गुणों उपाय करेंगे भरपूर:*

खजूर मधुर, शीतल, पौष्टिक व सेवन करने के बाद तुरंत शक्ति-स्फूर्ति देनेवाला है | यह रक्त, मांस व वीर्य की वृद्धि करता है | ह्रदय व मस्तिष्क को शक्ति देता है | वात, पित्त व कफ इन तीनों दोषों का शामक है | यह मल व मूत्र को साफ लाता है | खजूर में कार्बोहाइड्रेटस, प्रोटीन्स, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नेशियम, लौह आदि प्रचुर मात्रा में पाया जाता है | ' अमेरिकन कैंसर सोसाइटी ' के अनुसार शरीर को एक दिन में २०-३५ ग्राम डाएटरी फाइबर (खाद्य पदार्थों में स्थित रेशा) की जरुरत होती है, जो खजूर खाने से पूरी हो जाती है |

खजूर रात भर पानी में भिगोकर सुबह लेना लाभदायक है | खजूर रक्त को बढ़ाता है और यकृत (लीवर) के रोगों में लाभकारी है | रक्ताल्पता में इसका नियमित सेवन लाभकारी है | नींबू के रस में खजूर की चटनी बनाकर खाने से भोजन की अरुचि मिटती है | खजूर का सेवन बालों को लंबा, घना और मुलायम बनाता है |

*औषधि-प्रयोग*

*कब्जनाशक :*

खजूर में रेचक गुण भरपूर है | ८-१० खजूर २०० ग्राम पानी में भिगों दें,सुबह मसलकर इनका शरबत बना लें | फिर इसमें ३०० ग्राम पानी और डालकर गुनगुना गर्म करें | खाली पेट चाय की की तरह पी जायें | कुछ देर बाद दस्त होगा | इससे आँतों को बल और शरीर को स्फूर्ति भी मिलेगी | उम्र के अनुसार खजूर की मात्रा कम-ज्यादा करें |

*नशा निवारक :*

शराबी प्राय: नशे की झोंक में इतनी शराब पी जाता है की उसका यकृत नष्ट होकर मृत्यु का कारण बन सकता है | इस स्थिति में ताजे पानी में खजूर को अच्छी तरह मसलते हुए शरबत बनायें | यह शरबत पीने से शराब का विषैला प्रभाव नष्ट होने लगता है |

*आँतों की पुष्टि :*

खजूर आँतों के हनिकारक जीवाणुओं को नष्ट करता है, साथ ही खजूर के विशिष्ट तत्त्व ऐसे जीवाणुओं को जन्म देते हैं जो आँतों को विशेष शक्तिशाली तथा अधिक सक्रिय बनाते हैं |

*हृदय रोगों में :*

लगभग ५० ग्राम गुठली रहित छुहारे (खारक) २५० मी. ली. पानी में रात को भिगो दें | सुबह छुहारों को पीसकर पेस्ट बना के उसी बचे हुए पानी में घोल लें | इसे प्रात: खाली पेट पी जाने से कुछ ही माह में ह्रदय को पर्याप्त सबलता मिलती है | इसमें १ ग्राम इलायची चूर्ण मिलाना विशेष लाभदायी है |

*तन-मन की पुष्टि :*

बच्चों को दूध में खजूर उबाल के देने से उन्हें शारीरिक-मानसिक पोषण मिलता है व शरीर सुदृढ़ बनता है |

*शैयामूत्र :*

जो बच्चे रात्रि में बिस्तर गीला करते हों, उन्हें दो छुहारे रात्रि में भिगोकर सुबह दूध में उबाल के दें |

*बच्चों के दस्त में :*

बच्चों के दाँत निकलते समय उन्हें बार बार गारे दस्त होते हों या पेचिश पड़ती हो तो खजूर के साथ शहद को अच्छी तरह फेंटकर एक-एक चमच दिन में २-३ बार चटाने से लाभ होता है |

*मस्तिष्क व हृदय की कमजोरीः*

रात को खजूर भिगोकर सुबह दूध या घी के साथ खाने से मस्तिष्क व हृदय की पेशियों को ताकत मिलती है। विशेषतः रक्त की कमी के कारण होने वाली हृदय की धड़कन व एकाग्रता की कमी में यह प्रयोग लाभदायी है।

*मलावरोधः*

रात को भिगोकर सुबह दूध के साथ लेने से पेट साफ हो जाता है।

*कृशताः*

खजूर में शर्करा, वसा (फैट) व प्रोटीन्स विपुल मात्रा में पाये जाते हैं। इसके नियमित सेवन से मांस की वृद्धि होकर शरीर पुष्ट हो जाता है।

*रक्ताल्पताः*

खजूर रक्त को बढ़ाकर त्वचा में निखार लाता है।

*शुक्राल्पताहा*

खजूर उत्तम वीर्यवर्धक है। गाय के घी अथवा बकरी के दूध के साथ लेने से शुक्राणुओं की वृद्धि होती है। इसके अतिरिक्त अधिक मासिक स्राव, क्षयरोग, खाँसी, भ्रम(चक्कर), कमर व हाथ पैरों का दर्द एवं सुन्नता तथा थायराइड संबंधी रोगों में भी यह लाभदायी है।

*कमजोरी :*

खजूर 200 ग्राम,

चिलगोजा गिरी 60 ग्राम,

बादाम गिरी 60 ग्राम,

काले चनों का चूर्ण 240 ग्राम,

गाय का घी 500 ग्राम,

दूध दो लीटर और चीनी या गुड़ 500 ग्राम।

इन सबका पाक बनाकर 50 ग्राम प्रतिदिन गाय के दूध के साथ खाने से हर प्रकार की शारीरिक वं मानसिक कमजोरी दूर होती है।

*बिस्तर पर पेशाब :*

छुहारे खाने से पेशाब का रोग दूर होता है।

बुढ़ापे में पेशाब बार बार आता हो तो दिन में दो छुहारे खाने से लाभ होगा।

छुहारे वाला दूध भी लाभकारी है।

यदि बच्चा बिस्तर पर पेशाब करता हो तो उसे भी रात को छुहारे वाला दूध पिलाएं। यह मसानों को शक्ति पहुंचाते हैं।

*मासिक धर्म :*

छुहारे खाने से मासिक धर्म खुलकर आता है और कमर दर्द में भी लाभ होता है।

*दांतों का गलना :*

छुहारे खाकर गर्म दूध पीने से कैलशियम की कमी से होने वाले रोग, जैसे दांतों की कमजोरी, हड्डियों का गलना इत्यादि रूक जाते हैं।

*रक्तचाप :*

कम रक्तचाप वाले रोगी 3-4 खजूर गर्म पानी में धोकर गुठली निकाल दें।

इन्हें गाय के गर्म दूध के साथ उबाल लें।

उबले हुए दूध को सुबह-शाम पीएं।

कुछ ही दिनों में कम रक्तचाप से छुटकारा मिल जायेगी।

*कब्ज :*

सुबह-शाम तीन छुहारे खाकर बाद में गर्म पानी पीने से कब्ज दूर होती है।

खजूर का अचार भोजन के साथ खाया जाए तो अजीर्ण रोग नहीं होता तथा मुंह का स्वाद भी ठीक रहता है।

खजूर का अचार बनाने की विधि थोड़ी कठिन है, इसलिए बना-बनाया अचार ही ले लेना चाहिए।

*मधुमेह :*

मधुनेह के रोगी जिनके लिए मिठाई, चीनी इत्यादि वर्जित है, सीमित मात्रा में खजूर का इस्तेमाल कर सकते हैं।

खजूर में वह अवगुण नहीं है, जो गन्ने वाली चीनी में पाए जाते हैं।

*पुराने घाव :*

पुराने घावों के लिए खजूर की गुठली को जलाकर भस्म बना लें।

घावों पर इस भस्म को लगाने से घाव भर जाते हैं।

*आंखों के रोग :*

खजूर की गुठली का सुरमा आंखों में डालने से आंखों के रोग दूर होते हैं।

*खांसी :*

छुहारे को घी में भूनकर दिन में 2-3 बार सेवन करने से खांसी और बलगम में राहत मिलती है।

*जुएं :*

खजूर की गुठली को पानी में घिसकर सिर पर लगाने से सिर की जुएं मर जाती हैं।

*सावधानी*

- आजकल खजूर को वृक्ष से अलग करने के बाद रासायनिक पदार्थों के द्वारा सुखाया जाता है | ये रसायन शरीर के लिए हानिकारक होते है | अत: उपयोग करने से पहले खजूर को अच्छी तरह से धों लें | धोकर सुखाने के बाद इन्हें विभिन्न प्रकार से उपयोग किया जा सकता है |

- होली के बाद खजूर खाना हितकारी नहीं है।

*- Diabities वाले खजूर की जगह पर किशमिश का उपयोग करना |*

भारत माता की जय 🇮🇳

*सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः*

सावधानियां

  1. मध्यम मात्रा में खाएं, खासकर डायबिटीज और वजन बढ़ने की समस्या वाले लोग।
  2. बच्चों और बुजुर्गों को मुलायम खजूर दें।
  3. किसी भी नई स्वास्थ्य स्थिति के लिए डॉक्टर से परामर्श लें।

खजूर एक पौष्टिक और स्वादिष्ट फल है, जिसका नियमित सेवन स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।

#अनार : बीमारी की राम बाण दवा

 
#अनार : बीमारी की राम बाण दवा

 
☘️ *_अनार : बीमारी की राम बाण दवा जानिये आयुर्वेदिक इस फल के स्वास्थवर्धक लाभ_*

स्वस्थ भारत सबल भारत
*डॉ राव पी सिंह*
जिओ जी भर

*अनार और आनर के जूस के लाभ*
 रोज एक गिलास अनार का जूस पीजिए। अनार का रस पेट पर जमी चर्बी तथा कमर पर टायर की तरह लटकते मांस को कम करने में मददगार साबित हो सकता है।

*अपच*
यदि आपको देर रात की पार्टी से अपच हो गया है तो पके अनार का रस चम्मच, आधा चम्मच सेका हुआ जीरा पीसकर तथा गुड़ मिलाकर दिन में तीन बार लें।

*प्लीहा और यकृत की कमजोरी तथा पेटदर्द अनार खाने से ठीक हो जाते हैं।*

*दस्त तथा पेचिश में*
15 ग्राम अनार के सूखे छिलके और दो लौंग लें। दोनों को एक गिलास पानी में उबालें। फिर पानी आधा रह जाए तो दिन में तीन बार लें। इससे दस्त तथा पेचिश में आराम होता है।

अनार कब्ज दूर करता है, मीठा होने पर पाचन शक्ति बढ़ाता है। इसका शर्बत एसिडिटी को दूर करता है।

*अत्यधिक मासिक स्राव में*
अनार के सूखे छिलकों का चूर्ण एक चम्मच फाँकी सुबह-शाम पानी के साथ लेने से रक्त स्राव रुक जाता है।

*मुँह में दुर्गंध*
मुँह में दुर्गंध आती हो तो अनार का छिलका उबालकर सुबह-शाम कुल्ला करें। इसके छिलकों को जलाकर मंजन करने से दाँत के रोग दूर होते हैं।

अनार आपका मूड अच्छा करता है और साथ ही याददाश्त बढ़ाता है। तनाव से भी आपको निजात दिलाता है।

अनार का रस वृद्धावस्था में सठिया जाने के रोग की संभावना भी घटाता है।

अनार में लोहा की भरपूर मात्रा होती है, जो रक्त में आयरन की कमी को पूरा करता है।

 अनार के जूस को खाली पेट मे पी सकते है और यह सफेद दाग मे यह फायदा करता है

 उच्च रक्तचाप को घटाता है, सूजन और जलन में राहत पहुँचाता है, गठिया और वात रोग की संभावना घटाता और जोड़ों में दर्द कम करता है, कैंसर की रोकथाम में सहायक बनता है, शरीर के बुढ़ाने की गति धीमी करता है और महिलाओं में मातृत्व की संभावना और पुरुषों में पुरुषत्व बढ़ाता है। अनार को त्वचा के कैंसर, स्तन-कैंसर, प्रोस्टेट ग्रंथि के कैंसर और पेट में अल्सर की संभावना घटाने की दृष्टि से भी विशेष उपयोगी पाया गया है।

बच्चों की खाँसी, अनार के छिलकों का चूर्ण आधा-आधा छोटा चम्मच शहद के साथ सुबह-शाम चटाने से मिट जाती है।

अनार (Pomegranate) को सुपरफूड माना जाता है, जो पोषक तत्वों और औषधीय गुणों से भरपूर है। यह स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है, लेकिन इसका सेवन सही मात्रा और तरीके से करना चाहिए।


अनार खाने के फायदे

  1. रक्तहीनता (एनीमिया) में फायदेमंद:

    • अनार आयरन से भरपूर होता है, जो खून की कमी को दूर करने और हीमोग्लोबिन स्तर बढ़ाने में मदद करता है।
  2. हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है:

    • अनार का सेवन कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है और रक्त प्रवाह बेहतर बनाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो दिल को स्वस्थ रखते हैं।
  3. इम्यूनिटी मजबूत करता है:

    • इसमें विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो संक्रमण और बीमारियों से बचाव करते हैं।
  4. पाचन में सुधार:

    • अनार के बीज फाइबर से भरपूर होते हैं, जो कब्ज और अन्य पाचन समस्याओं को दूर करते हैं।
  5. त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद:

    • अनार का जूस त्वचा को चमकदार बनाता है और बालों के झड़ने को कम करता है।
  6. मधुमेह के रोगियों के लिए लाभकारी:

    • अनार का सेवन ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
  7. अस्थमा और एलर्जी में फायदेमंद:

    • इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण फेफड़ों को स्वस्थ रखते हैं।
  8. हड्डियों को मजबूत बनाता है:

    • अनार में मौजूद मिनरल्स हड्डियों की मजबूती बढ़ाने में मदद करते हैं।
  9. याददाश्त बढ़ाता है:

    • अनार का सेवन मस्तिष्क को पोषण प्रदान करता है और याददाश्त में सुधार करता है।

अनार खाने के नुकसान

  1. एलर्जी की समस्या:

    • कुछ लोगों को अनार से एलर्जी हो सकती है, जिससे खुजली, सूजन, या सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
  2. ब्लड प्रेशर में गिरावट:

    • अनार का अधिक सेवन रक्तचाप को अत्यधिक कम कर सकता है।
  3. पाचन संबंधी समस्याएं:

    • अधिक मात्रा में खाने से गैस, पेट फूलना, या दस्त की समस्या हो सकती है।
  4. गर्भावस्था में सावधानी:

    • गर्भवती महिलाओं को अधिक मात्रा में अनार के रस का सेवन करने से बचना चाहिए।
  5. ड्रग इंटरेक्शन:

    • यदि आप किसी रक्त पतला करने वाली दवा का सेवन कर रहे हैं, तो अनार का अधिक सेवन हानिकारक हो सकता है।

अनार खाने का सही तरीका

  1. कच्चा फल:

    • ताजे अनार के दानों को नाश्ते या खाने के साथ खा सकते हैं।
  2. अनार का रस:

    • सुबह खाली पेट अनार का रस पीना शरीर को डिटॉक्स करता है।
  3. अनार का पाउडर:

    • इसके सूखे छिलकों का पाउडर पाचन समस्याओं में उपयोगी है।
  4. सलाद में मिलाकर:

    • अनार के दाने सलाद में मिलाकर खाने से पोषण बढ़ता है।

रोगों में अनार के लाभ

  1. खून की कमी (एनीमिया):

    • रोजाना अनार का सेवन हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करता है।
  2. हृदय रोग:

    • अनार का रस धमनियों को साफ करता है और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है।
  3. पेट की समस्याएं:

    • इसके छिलके का पाउडर गैस, दस्त और आंतों की समस्याओं में फायदेमंद है।
  4. इम्यूनिटी बूस्ट करना:

    • नियमित अनार का सेवन संक्रमण से बचाव करता है।
  5. त्वचा रोग:

    • अनार का रस त्वचा पर लगाने से मुंहासे और झुर्रियां कम होती हैं।
  6. हड्डी और जोड़ के दर्द में:

    • अनार का सेवन गठिया और हड्डियों की कमजोरी में मदद करता है।

सावधानियां

  1. मध्यम मात्रा में सेवन करें।
  2. डायबिटीज रोगी अनार का रस पीने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें।
  3. यदि एलर्जी हो तो तुरंत बंद कर दें।

अनार पोषण का भंडार है और इसका नियमित सेवन स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित हो सकता है।


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