सब्जी क़ी कीमत सुनकर उड़ जाएंगे होश विदेशो में है इसकी बहुत मांग क्या है ये भारत में है जिसकी पैदावार
अगर दुनिया की सबसे महंगी सब्जी की बात की जाए तो इसका उत्पादन भी भारत में ही किया जाता है। भारत की इस सब्जी की मांग दुनिया के अन्य देशों में काफी ज्यादा है। इसका उत्पादन हिमालय के तराई क्षेत्र में किया जाता है। इस सब्जी के एक किलो की कीमत तीस हज़ार है और बाहरी देशों में इसकी काफी ज्यादा मांग है। चूँकि इसे खाने से दिल संबंधी बीमारियों का खतरा नहीं रहता है इसलिए भी इसका दाम काफी ज्यादा है। इस सब्जी को एक तरह से मल्टी विटामिन की एक गोली की तरह माना जाता है। आइये जानते हैं कौन सी है ये सब्जी और क्या है इसकी खासियत।
हज़ारों रूपये किलो बिकने वाली इस सब्जी का ये है नाम
Guchi Vegetable
हम विदेशों में जिस भारतीय सब्जी के 25 से 30 हज़ार रूपये किलो बिकने की बात कर रहे हैं उसका नाम गुच्छी(Gucchi) है।
यह मुख्य रूप से हिमालय पर मिलने वाले जंगली मशरूम की ही एक प्रजाति है। जितनी महंगी यह सब्जी है इसे बनाने में भी काफी सामग्रियों की जरुरत पड़ती है। इस सब्जी को बनाने में मुख्य रूप से देशी घी और ड्राई फ्रूटस का इस्तेमाल किया जाता है। इसे इंडिया की बेहद दुर्लभ सब्जियों में से एक माना जाता है। इस सब्जी के बारे में भारतीय लोगों की ऐसी राय है कि, अगर इस सब्जी को खाना है तो पहले बैंक से लोन लेना होगा।
इतनी महंगी बिकने वाले इस सब्जी के पीछे ख़ास वजह यह है कि, इसकी गिनती लजीज पकवानों में की जाती है और यह तमाम औषधीय गुणों से भरपूर होती है। शोधकर्ताओं की माने तो इस सब्जी का सेवन यदि दिल की बीमारियों से पीड़ित कोई व्यक्ति करता है तो उसे काफी लाभ हो सकता है। गुच्छी को हिमालय की पहाड़ियों से लाकर निर्यात से पहले सुखाया जाता है। इसकी भी अलग-अलग क्वालिटी उपलब्ध है। बता दें कि, गुच्छी(Gucchi) का साइंटिफिक नाम मार्कुला एस्क्यूपलेंटा है। इसे लोग मोरेल्स के नाम से भी जानते हैं। कुछ जगहों पर इसे स्पंज मशरूम के नाम से भी जाना जाता है।
भारत में गुच्छी(Gucchi) का उत्पादन मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर के पहाड़ी क्षेत्र में किया जाता है। गुच्छी के ऐसी सब्जी है जो पहाड़ों पर बारिश के मौसम में कभी-कभी अपने आप भी उग जाते हैं। हालाँकि गुच्छी के अच्छे क्वालिटी को इक्कठा करने में कई महीनों का समय लग जाता है। पहाड़ों में काफी ऊंचाई पर जाकर इस सब्जी को लाना एक तरह से काफी जोखिम भरा काम है। जानकारी हो कि, बारिश के मौसम में गुच्छी को इकक्ठा करके इसे सुखाया जाता है और खाने में इसका इस्तेमाल सर्दियों में किया जाता है। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में उत्पादित की जाने गुच्छी को खासतौर से अमेरिका, यूरोप, स्विट्ज़रलैंड और इटली के लोग काफी ज्यादा पसंद करते हैं। इस सब्जी में प्रचुर मात्रा में विटामिन बी, सी और डी पाए जाते हैं।
इस सब्जी को पोषक तत्वों का भंडार माना जाता है। विदेशों में फ़रवरी से अप्रैल माह के बीच मिलती है। गुच्छी(Gucchi) से बनाई जाने वाली दिशों में इसका कबाब दुनिया भर में मशहूर है। इससे कई तरह की मिठाईयां भी बनाई जाती है। कश्मीर में इस सब्जी से पुलाव भी बनाया जाता है। इसे वहां के लोग बट्टकुछ कहते हैं।
गुच्छी (Morel Mushroom) जिसे "धरती का फूल" भी कहा जाता है, एक दुर्लभ और पौष्टिक मशरूम है। यह हिमालयी क्षेत्र और अन्य पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है। गुच्छी महंगी और पोषण से भरपूर होती है। इसका उपयोग मुख्य रूप से सब्जी, सूप और अन्य व्यंजनों में किया जाता है।
गुच्छी की सब्जी बनाने की विधि
सामग्री:
- गुच्छी: 200 ग्राम
- प्याज: 2 बारीक कटे हुए
- टमाटर: 2 बारीक कटे हुए
- हरी मिर्च: 2 बारीक कटी हुई
- अदरक-लहसुन का पेस्ट: 1 चम्मच
- हल्दी पाउडर: 1/2 चम्मच
- लाल मिर्च पाउडर: 1 चम्मच
- गरम मसाला: 1/2 चम्मच
- ताजी मलाई या क्रीम: 2 चम्मच
- घी या तेल: 2-3 चम्मच
- धनिया पत्ती: सजाने के लिए
- नमक: स्वादानुसार
विधि:
गुच्छी की सफाई:
- गुच्छी को अच्छी तरह धोएं और पानी में 15-20 मिनट भिगोकर रखें।
- इसे दबाकर पानी निकाल दें।
पकाने की प्रक्रिया:
- एक कढ़ाई में घी या तेल गरम करें।
- प्याज डालकर सुनहरा भूनें।
- अदरक-लहसुन का पेस्ट और हरी मिर्च डालें और भूनें।
- टमाटर, हल्दी, लाल मिर्च पाउडर, और नमक डालें। इसे गाढ़ा मसाला बनने तक पकाएं।
- गुच्छी डालकर 5-7 मिनट तक मध्यम आंच पर पकाएं।
- क्रीम या मलाई डालें और 2-3 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं।
- धनिया पत्ती से सजाएं।
सेविंग:
- इसे चपाती, नान, या चावल के साथ परोसें।
गुच्छी के लाभ
पोषण से भरपूर:
- विटामिन D, विटामिन B और प्रोटीन का अच्छा स्रोत।
- आयरन और पोटैशियम से भरपूर।
प्रतिरोधक क्षमता:
- इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
- एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर को डिटॉक्स करते हैं।
हृदय स्वास्थ्य:
- इसमें पोटैशियम और लो फैट होता है, जो हृदय के लिए अच्छा है।
पाचन में सुधार:
- फाइबर से भरपूर होने के कारण यह पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है।
शारीरिक ऊर्जा:
- इसमें कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन होते हैं, जो ऊर्जा देते हैं।
त्वचा और बालों के लिए:
- एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन से भरपूर होने के कारण यह त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद है।
गुच्छी के नुकसान
एलर्जी:
- कुछ लोगों को गुच्छी से एलर्जी हो सकती है।
- इसे पहली बार खाने से पहले थोड़ी मात्रा में खाएं।
महंगा होना:
- गुच्छी दुर्लभ और महंगी होती है, जो हर किसी के बजट में नहीं होती।
सही सफाई का महत्व:
- इसे अच्छे से साफ न करने पर संक्रमण का खतरा होता है।
पचने में कठिनाई:
- अधिक मात्रा में खाने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
सावधानियां
- केवल अच्छी तरह साफ और ताजी गुच्छी का ही उपयोग करें।
- बाजार से खरीदते समय उसकी गुणवत्ता पर ध्यान दें।
- अधिक मात्रा में न खाएं क्योंकि यह भारी हो सकती है।
- गुच्छी को पकाने से पहले इसे गर्म पानी में कुछ देर भिगोकर रखें।
गुच्छी स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक होती है, लेकिन इसे संयमित मात्रा में और सही विधि से पकाकर ही खाना चाहिए।
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