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शुक्रवार, 20 दिसंबर 2024

गन्ने से बने देशी गुण के क्या उपयोग व फायदा व नुकसान है?

 गन्ने से बने देशी गुण के क्या उपयोग व फायदा व नुकसान है?

 



गन्ने से बने देशी गुड़ (Desi Gud) के उपयोग, फायदे, और कुछ हद तक नुकसान के बारे में जानें:


1. उपयोग और फायदे:

आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से:

  • पाचन स्वास्थ्य में सुधार:
    गुड़ पाचन को मजबूत करने में मदद करता है। यह पेट को साफ करने में सहायक होता है और कब्ज, अपच जैसी समस्याओं को कम करता है।
  • ऊर्जा का प्राकृतिक स्रोत:
    गुड़ में प्राकृतिक शुगर (ग्लूकोज और फ्रक्टोज) होता है, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। अतः यह लंबे समय तक थकावट और कमजोरी से बचाने में सहायक होता है।
  • लोहा और खनिजों का स्रोत:
    गुड़ आयरन, कैल्शियम, और अन्य आवश्यक खनिजों से भरपूर होता है, जिससे एनीमिया, हड्डियों की मजबूती और अन्य पोषण संबंधी कमियों को दूर किया जा सकता है।
  • मौसमी बीमारियों से बचाव:
    गुड़ में एंटीऑक्सीडेंट्स और जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो सर्दी, खांसी, जुकाम जैसे मौसमी संक्रमणों से बचाव करते हैं।
  • पेट से जुड़ी समस्याओं में मदद:
    गुड़ पेट के अल्सर और आंतों में गैस की समस्या को कम करने में सहायक हो सकता है।
  • बढ़ती उम्र में लाभ:
    गुड़ त्वचा की देखभाल और स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है, जिससे उम्र से संबंधित समस्याएं देर से आती हैं।
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  • जानिए देशी गुड के फायदे

    गन्ने के रस से गुड और चीनी दोनों बनते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं चीनी बनने पर आइरन तत्व, पोटेशियम, गंधक, फासफोरस और कैल्शियम आदि तत्व नष्ट हो जाते हैं लेकिन गुड़ में ये तत्व पूरी मात्रा में मौजूद होते हैं। गुड़ विटामिन ए और विटामिन बी का बेहतर स्त्रोत है। गुड़ के कई एैसे फायदे हैं जिन्हें जानकर आपको भी गुड़ खाने की इच्छा बढ़ जाएगी। क्या है गुड़ में और कैसे आपके और आपके परिवार की सेहत के लिए सबसे अच्छा है। आज समय की ऐसी मार पड़ी है के अधिकतर गन्ना बनाने वाले भी इसकी शुद्धता का पूरा ध्यान नहीं देता, मगर फिर भी ये स्वास्थय के लिए बेहद अच्छा और फायदेमंद है.

    गन्ना स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होने के साथ ही स्वादिष्ट भी होता है। गुड़ का नियमित थोडा थोडा सेवन करने से अनेक रोगों से बचा जा सकता है। आयुर्वेद संहिता के अनुसार यह शीघ्र पचने वाला,खून बढ़ाने वाला व भूख बढ़ाने वाला होता है। कभी घर में गुड के चावल और दलिया बना कर खा कर देखना. जो स्वाद इनमे आता है वो फाइव स्टार में भी नहीं आता (ये लेखक का व्यक्तिगत अनुभव है) इसके अतिरिक्त गुड़ से बनी चीजों के खाने से इन बीमारियों में राहत मिलती है. आइये जानते हैं गुड के फायदे.
    बच्चों के लिए फायदेमंद है गुड – गुड के फायदे

    गुड़ में कैल्श्यिम की उचित मात्रा होने की वजह से यह बच्चों की हड्डीयों की कमजोरी को दूर करता है। साथ ही बच्चों के दांत टूटने पर होने वाली कमजोरी को भी दूर करता है। बढ़ते हुए बच्चों को गुड़ देना उनकी सेहत के लिए फायदेमंद होता है।

    बुढ़ापा और मानसिक स्वास्थ के लिए गुड :-
    विटामिन बी होने की वजह से गुड़ मानसिक रोगों को दूर करता है। प्राचीन ग्रंथों में कहा गया है कि गुड़, दही और मक्खन खाने वालों को बुढापा जल्दी नहीं आता है। इसलिए गुड़ जरूर खाएं।

    दिल की बीमारी में लाभदायक है गुड :-
    गुड़ में मौजूद पोटेशियम दिल संबंधी बीमारियों की रोकथाम करने में फायदेमंद होता है। दिल के रोगियों के लिए चीनी नुकसानदायक होती है एैसे में गुड़ खाना बेहद फायदेमंद होता है।

    आयरन की कमी के लिए बेहतर है गुड :-
    माताओं और बहनों में लौह तत्व की कमी पायी जाती है। एैसे में कई बार मासिक धर्म में परेशानी हो जाती है। वे यदि गुड़ का सेवन करें तो उन्हें फायदा मिल सकता है। शरीर में खून की कमी की वजह से आयरन की मात्रा भी कम हो जाती है। एैसे में गुड़ में 11 प्रतिशत मिलीग्राम लौह तत्व पाया जाता है जो खून की कमी और हीमोग्लोबिन का कम होने की समस्या को ठीक कर देता है।

    तुरंत शक्तिदायक है गुड :-
    पहले जब लोग मेहनत का काम करते थे तो काम शुरू करने से पहले गुड ज़रूर खाते थे, गुड खाने से तुरंत एनर्जी मिल जाती है. गाँवों में ऐसी अनेक उदाहरण मिल जाएँगी जहाँ बुजुर्गों ने गुड खाने के बाद किसी गाय या बैल को अपने कंधे पर उठा लिया हो या कोई बड़ा पेड़ उठा लिया हो. गुड तुरंत शक्ति देने में बहुत सहयोगी है.

    इसके अलावा गन्ने के ये निम्नलिखित गुण बहुत विशेष हैं.

    ✤ सर्दी के दिनों में गुड़, अदरक और तुलसी के पत्तों का काढ़ा बना कर गरमा गर्म पीना काफी अच्छा रहता है और यह काढ़ा हमें सर्दी-जुकाम से भी बचाता है।

    ✤ जुकाम जम गया हो तो गुड़ पिघलाकर उसकी पपड़ी बनाकर खिलाएं।
    पांच ग्राम गुड़ को इतने ही सरसों के तेल में मिलाकर खाने से श्वास रोग से छुटकारा मिलता है।

    ✤ गुड़ और काले तिल के लड्डू खाने से सर्दी में अस्थमा परेशान नहीं करता है।

    ✤ गुड़, सेंधा नमक, काला नमक मिलाकर चाटने से खट्टी डकारें आना बंद हो जाती हैं।

    ✤ सर्दियों के मौसम में गुड की चाय पीना ज्यादा स्वास्थवर्धक माना जाता है।

    ✤ भोजन के बाद गुड़ खा लेने से पेट में गैस नहीं बनती है।

    ✤ गुड़ उन लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जिनके शरीर में खून की कमी (एनीमिया) होती है, क्योंकि गुड आयरन का एक बहुत ही अच्छा स्रोत होता है और यह शरीर में हीमोग्लोबिन का लेवल बढाने में मदद करता है।

    ✤ गुड हमारी पाचन क्रिया के लिए भी काफी अच्छा होता है इसलिए गुड को थोड़ी मात्रा में खाना खाने के बाद जरूर खाना चाहिए।

    ✤ गुड का प्रयोग पीलिया रोग का उपचार करने के लिये भी किया जाता है। पांच ग्राम सौंठ, दस ग्राम गुड़ के साथ लेने से पीलिया रोग में लाभ होता है।

    ✤ गुड का इस्तेमाल विभिन्न तरह की अलग अलग डिश बनाने में किया जाता है जैसे – तिल गुड की चिक्की, गुड की खीर, गुड का परांठा आदि।

    ✤ गुड में अधिक मात्रा में पोटेशियम पाया जाता है जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में सहायता करता है।

    ✤ अगर आप कब्ज की समस्या से परेशान है तो रात में खाना खाने के बाद एक टुकड़ा गुड खाने से आप कब्ज की समस्या से मुक्ति पा सकते है।

    ✤ पुराना गुड़ अधिक अच्छा होता है लेकिन अगर पुराना गुड़ न मिले तो नए गुड को ही थैली में डालकर कुछ देर धूप में रखने के बाद प्रयोग करें तो यह फिर से पुराने गुड के जैसा ही गुणकारी हो जाता है।

    ✤ गैस की तकलीफ को दूर करने के लिए रोज सुबह के समय में खाली पेट थोड़ा सा गुड़ चूसना चाहिए।

    ✤ गुड़ के साथ पकाए चावल खाने से बैठा हुआ गला व आवाज खुल जाती है।

    ✤ गुड़ का हलवा खाने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।

    ✤ बाजरे की खिचड़ी में गुड़ डालकर खाने से नेत्र-ज्योति बढ़ती है।

    ✤ खट्टी डकारें आने पर गुड़ को काले नमक में मिलाकर चाटें।

    ✤ छिलकेवाली मूंग की पानीवाली दाल में गुड़ मिलाकर खाना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। गुड़ की चक्की बनाकर भी आप इसका सेवन कर सकते हो।

    ✤ खाली पेट गुनगुने पानी में गुड़ को घोलकर पीने से आपको फायदा मिलता है। जिससे शरीर कें अंदर की गंदगी साफ हो जाती है।

आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उपयोग:

  • पवित्रता और ऊर्जा के लिए उपयोग:
    गुड़ को पूजा सामग्री में भी शामिल किया जाता है। इसे कई धार्मिक अनुष्ठानों और त्योहारों में उपयोग किया जाता है।
  • शक्ति और सहनशीलता को बढ़ावा:
    प्राचीन परंपराओं में यह माना जाता है कि गुड़ शरीर और आत्मा को ताकत और ऊर्जा प्रदान करता है।

2. नुकसान और सावधानियां:

स्वास्थ्य दृष्टिकोण से:

  • चीनी की अधिकता:
    गुड़ में भी शुगर की मात्रा अधिक होती है, जो मोटापे, डायबिटीज, और दांतों की समस्याओं का कारण बन सकती है, खासकर अधिक मात्रा में सेवन करने पर।
  • पाचन समस्याएं:
    अत्यधिक मात्रा में गुड़ का सेवन गैस, पेट दर्द, और अन्य पाचन समस्याओं को बढ़ा सकता है।
  • किन लोगों के लिए अनुकूल नहीं:
    जो लोग मधुमेह या चीनी से संबंधित अन्य समस्याओं से पीड़ित हैं, उन्हें गुड़ का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।
  • वजन बढ़ने की संभावना:
    अधिक मात्रा में गुड़ का सेवन करने से वजन बढ़ सकता है, क्योंकि इसमें उच्च कैलोरी और प्राकृतिक शुगर होती है।

कृषि दृष्टिकोण से:

  • कीटनाशक और रसायनों का उपयोग:
    यदि गन्ने को कीटनाशकों और रसायनों से उगाया गया हो, तो गुड़ में ये रसायन रह सकते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

निष्कर्ष:

गन्ने से बना देशी गुड़ स्वास्थ्य, ऊर्जा, और पोषण के लिए लाभकारी हो सकता है, बशर्ते इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जाए और रसायनों से मुक्त हो। अगर आपकी कोई विशेष स्वास्थ्य समस्या है, तो चिकित्सक से सलाह लेना सही रहेगा।

 

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