ग्रीवा गर्दन क्रिया योग : गरदन और गले की मांसपेशियों के लिए लाभदायक इस योग क्रिया की जानिए विधि व लाभ
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| #ग्रीवा #गर्दन क्रिया योग : #गरदन |
मनुष्य का स्वास्थ्य सबसे बड़ी नियामत है उत्तम स्वास्थ्य हर काम मे विश्वास। साधारणतया तन में सर्वाधिक कार्य घड़ की अपेक्षा सिर को करने पड़ते है इसे में रीढ़ की हड्डी से लेकर गर्दन सभी एक अच्छा खासा योगदान देते है। फिर तो तय है सिर गर्दन में दर्द ढेरो समस्याएं। पर सिर व गर्दन के दर्द से मुक्ति दिलाने के लिए सूक्ष्मक्रियाये कर आप शांति पा सकते हैं
गर्दन संबंधी क्रियाएँ
गर्दन प्रमुख अवयव है। गर्दन के बारे में सावधानी बरतना आवश्यक है। आज-कल शहरों में मुख्य रूप से स्पांडलाइटिस जैसी गर्दन संबंधी व्याधियां बढ़ रही हैं। ठीक तरह से न बैठने, गर्दन झुका कर लिखने, गर्दन झुका कर काम करने तथा कार्यों के दबाव आदि के कारण गर्दन संबंधी व्याधियाँ होती हैं। ऐसी व्याधियों के निवारण के लिए निम्न क्रियाएँ उपयोगी हैं। बड़ी सरलता से ये क्रियाएँ की जा सकती हैं।
ग्रीवा गर्दन क्रिया योग के लाभ
कम्प्यूटर मोबाइल चलाने वालों के लिए ये उत्तम व्यायाम क्रिया है
सिर झुका कर काम करने वालों के लिए ये क्रियाएं अति उपयोगी हैं।
दिन भर काम करने के बाद शाम को ये क्रियाएं करें, तो गर्दन संबंधी व्याधियाँ दूर होंगी|
स्पांडलाइटिस जैसी व्याधि से छुटकारा मिलेगा।
गर्दन सुडौल बनेगी
गर्दन की व्यर्थ चरबी कम होगी |
ग्रीवा गर्दन क्रिया योग विधि
साधारणतया बैठकर (सुखासन में) या विशेष परिस्थितियों में खड़े रहकर भी ये क्रियाए की जा सकती है ।
प्रथम क्रिया
रीढ़ की हड़ी और सिर को सीधा रखें।धीरे-धीरे सिर को दायीं एवं बायीं ओर घुमा कर पीछे की तरफ देखें। सिर को एक तरफ घुमाते हुए सांस बाहर छोडें| सांस लेते हुए सिर को मध्य में लावें |
द्वितीय क्रिया
पूर्व स्थिति में ही रहकर सांस छोड़ते हुए सिर को नीचे झुकावें। सांस लेते हुए सिर को ऊपर उठावें।
तृतीय क्रिया
रीढ़ को स्थिर साँस छोड़ते हुए सिर को दायीं ओर झुकावें। साँस लेते हुए सिर को बीच में ले आवें। इसी प्रकार बायीं ओर भी करें।
चतुर्थ क्रिया
दायीं हथेली से दायें गाल को दबाते हुए सिर को दायीं ओर साँस छोड़ते हुए घुमावें। साँस लेते हुए सिर को बीच में ले आवें। इसी प्रकार बायीं हथेली से बायें गाल को दबाते हुए करें।
पंचम क्रिया
सॉस रोक कर दोनों हथेलियों से ठोड़ी को दबावें। कुछ देर दबा कर फिर छोड़ दे कुछ पल बाद इसे पुनः दोहरावे
षष्ठम क्रिया
सॉस रोक कर दोनों हथेलियों से दोनों गालों को दबावें |कुछ देर दबा कर फिर छोड़ दे कुछ पल बाद इसे पुनः दोहरावे
सप्तम क्रिया
सॉस रोक कर हथेलियों से दोनों कपोलों को दबावें।कुछ देर दबा कर फिर छोड़ दे कुछ पल बाद इसे पुनः दोहरावे
अष्ठम क्रिया
दायीं हथेली से माथे को दबाते हुए, सिर को गोलाकार में घुमावें।एक चक्र बाद कुछ क्षण रुक कर विपरीत दिशा में घुमाये
नवम क्रिया
सिर को थोड़ा झुका कर दायीं ओर से उसे गोलाकार में घुमावें। इसी तरह बायीं ओर से भी घुमावें। यह क्रिया दायीं ओर से बायीं ओर और बायीं ओर से दायीं और बारी-बारी से लगातार करते रहें।
दशम क्रिया
सॉस रोके। दोनों हथेलियों से सिर के पीछे तथा गर्दन को दबावें।
एकादश क्रिया
दोनों हथेलियाँ रगड़े। उनसे गर्दन एवं गले की धीरे-धीरे मालिश करें
विशेष
इन क्रियाओं को करते समय कंधे न हिलें और एक-एक क्रिया को 5 से 6 बार करें।
द्वादश क्रिया
ग्रीवा व गले की नसों से संबंधित क्रियाएं
1 मुँह बंद कर लें, ठुड्डी में दायीं तथा बायीं ओर खिंचाव पैदा कर गले की नसों को फुलावें | 10 सेकंड तक उन्हें वैसे ही रोक कर रखें | बाद उन्हें ढीला करें | 5 या 6 बार यह क्रिया करें।
2 गले की नसों को फुला कर 10 से 30 सेकंड तक जल्दी-जल्दी सांस लेते रहें और छोड़ते रहें।
3 उपर्युक्त दो क्रियाएँ करने के बाद हथेलियाँ गले पर फेरें। इससे गले की नसों को आराम मिलेगा |
ग्रीवा व गले की क्रिया योग के लाभ
गले की नसों को शक्ति मिलेगी।
कंठस्वर स्पष्ट और मधुर बनेगा।
सांस लेने और भोजन करने में सरलता होगी |
गले पर की व्यर्थ चर्बी कम होगी |
कंप्यूटर और मोबाइल का लंबे समय तक उपयोग करने से मांसपेशियों में खिंचाव, आंखों में तनाव, गर्दन और पीठ दर्द, और हाथों में जकड़न जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इन समस्याओं को दूर करने और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए विशेष व्यायाम और योग क्रियाएं फायदेमंद हैं।
1. आंखों के लिए व्यायाम
आंखों पर तनाव कम करने के लिए:
- 20-20-20 नियम:
- हर 20 मिनट बाद 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें।
- पलक झपकाना:
- हर कुछ मिनट में बार-बार पलक झपकाएं ताकि आंखें सूखें नहीं।
- आंखों को घुमाना:
- आंखों को बाईं, दाईं, ऊपर और नीचे घुमाएं।
- पामिंग:
- हथेलियों को रगड़कर गर्म करें और आंखों पर रखें।
2. गर्दन और कंधों के लिए व्यायाम
लंबे समय तक बैठने से गर्दन और कंधों में खिंचाव होता है। इसे दूर करने के लिए:
- गर्दन का घुमाव:
- गर्दन को धीरे-धीरे घड़ी की दिशा में और फिर उल्टी दिशा में घुमाएं।
- साइड स्ट्रेच:
- सिर को दाईं और बाईं ओर झुकाएं।
- शोल्डर रोल्स:
- कंधों को आगे और पीछे घुमाएं।
- कंधे खींचना:
- हाथों को सिर के ऊपर ले जाकर खींचें।
3. हाथ और कलाई के लिए व्यायाम
कीबोर्ड और माउस के निरंतर उपयोग से हाथ और कलाई में दर्द हो सकता है:
- कलाई का स्ट्रेच:
- एक हाथ को सीधा रखें और दूसरे हाथ से कलाई को पीछे की ओर धीरे-धीरे खींचें।
- मुट्ठी बनाना:
- मुट्ठी बनाएं और खोलें। इसे 10-15 बार दोहराएं।
- फिंगर स्ट्रेच:
- सभी उंगलियों को फैलाएं और फिर आराम की स्थिति में लाएं।
4. पीठ और रीढ़ के लिए व्यायाम
लंबे समय तक बैठने से पीठ और रीढ़ पर असर पड़ता है:
- कैट-काउ स्ट्रेच (मार्जारी आसन):
- टेबल पोजिशन में आएं, पहले पीठ को ऊपर उठाएं (कैट पोज़) और फिर नीचे करें (काउ पोज़)।
- कंधे मोड़ना (ट्विस्ट):
- कुर्सी पर बैठकर शरीर को एक तरफ मोड़ें और कंधों को खींचें।
- बालासन (चाइल्ड पोज):
- फर्श पर बैठकर आगे की ओर झुकें और हाथों को जमीन पर फैलाएं।
- कोबरा पोज (भुजंगासन):
- पेट के बल लेटकर हाथों से शरीर को ऊपर उठाएं।
5. पैर और घुटनों के लिए व्यायाम
लंबे समय तक बैठने से पैरों में रक्त संचार धीमा हो सकता है:
- पैरों को घुमाना:
- टखनों को घड़ी की दिशा में और उल्टी दिशा में घुमाएं।
- लेग स्ट्रेच:
- पैरों को सीधा करके खींचें और धीरे-धीरे मोड़ें।
- हील-टो राइज:
- कुर्सी पर बैठकर एड़ी और फिर पंजे उठाएं।
- वृक्षासन (ट्री पोज):
- एक पैर पर खड़े होकर दूसरे पैर को जांघ पर रखें।
6. ध्यान और श्वसन अभ्यास
मानसिक तनाव और थकावट को कम करने के लिए:
- डीप ब्रीदिंग:
- गहरी सांस लें और धीरे-धीरे छोड़ें।
- अनुलोम-विलोम प्राणायाम:
- नाक के एक छिद्र से सांस लें और दूसरे से छोड़ें।
- ध्यान (मेडिटेशन):
- 5-10 मिनट तक आंखें बंद करके सांस पर ध्यान केंद्रित करें।
सामान्य सुझाव
- हर घंटे ब्रेक लें:
- 5-10 मिनट तक उठकर चलें और स्ट्रेच करें।
- सही मुद्रा बनाए रखें:
- रीढ़ को सीधा रखें और स्क्रीन आंखों के स्तर पर हो।
- हाइड्रेटेड रहें:
- पर्याप्त पानी पिएं।
- ब्लू लाइट फिल्टर का उपयोग करें:
- स्क्रीन से निकलने वाली हानिकारक किरणों से बचने के लिए।
इन अभ्यासों को नियमित रूप से करने से कंप्यूटर और मोबाइल उपयोग से होने वाली समस्याओं को कम किया जा सकता है।
वंदे मातरम 🇮🇳
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः
