गुरुवार, 17 दिसंबर 2020

#सौंफ -पतली और मोटी सौफ गुणकारी सौंफ #Fennel - thin and thick fennel #औषधीय गुण


 गुणकारी सौंफ

सौंफ के फायदे
सौंफ के फायदे


सौंफ में कई तरह के औषधीय गुण मौजूद होते हैं. इसका सेवन करने से स्वास्थ्य को काफी फायदा मिलता है. सौंफ को आप किसी भी उम्र में खा सकते हैं. सौंफ में कैल्शियम, आयरन और पोटेशियम जैसे तत्व पाए जाते हैं. सौंफ का फल बीज के रूप में होता है और इसके बीज को प्रयोग किया जाता है।

सौंफ खाना स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद है.

सौंफ खाने से पेट और कब्ज की शिकायत नहीं होती. सौंफ को मिश्री या चीनी के साथ पीसकर चूर्ण बना लीजिए, रात को सोते वक्त लगभग 5 ग्राम चूर्ण को हल्के से गुनगुने पानी के साथ सेवन कीजिए. पेट की समस्या नहीं होगी व गैस और कब्ज दूर होगा।

आंखों की रोशनी को सौंफ का सेवन करके बढ़ाया जा सकता है. सौंफ और मिश्री समान भाग लेकर पीस लें. इसकी एक चम्मच मात्रा सुबह शाम पानी के साथ 2 माह तक लीजिए. इससे से आंखों की रोशनी बढ़ती है।

डायरिया होने पर सौंफ खाना चाहिए. सौंफ को बेल के गूदे के साथ सुबह-शाम चबाने से अजीर्ण समाप्त होता है और अतिसार में फायदा होता है।

खाने के बाद सौंफ का सेवन करने से खाना अच्छे से पचता है. सौंफ, जीरा और काला नमक मिलाकर चूर्ण बना लीजिए. खाने के बाद हल्के गुनगुने पानी के साथ इस चूर्ण को लीजिए. यह उत्तम पाचक चूर्ण है।

खांसी होने पर सौंफ बहुत फायदा करता है. सौंफ के 10 ग्राम अर्क को शहद में मिलाकर लीजिए, इससे खांसी आना बंद हो जाएगा।

यदि आपको पेट में दर्द होता है तो भुनी हुई सौंफ चबा लीजिए इससे आपको आराम मिलेगा. सौंफ की ठंडाई बनाकर पीजिए, इससे गर्मी शांत होगी और जी मिचलाना बंद हो जाएगा।

यदि आपको खट्टी डकार आ रही हो तो थोड़ी सी सौंफ पानी में उबालकर मिश्री डालकर पीजिए. दो से तीन बार प्रयोग करने से आराम मिल जाएगा।

हाथ पांव में जलन होने की शिकायत होने पर सौंफ के साथ बराबर मात्रा में धनिया कूट- छानकर, मिश्री मिलाकर खाना खाने के पश्चात 5 से 6 ग्राम मात्रा में लेने से कुछ ही दिनों में आराम हो जाता है।

अगर गले में खराश हो जाए तो सौंफ चबाना चाहिए. सौंफ चबाने से बैठा हुआ गला भी साफ हो जाता है।

रोजाना सुबह-शाम खाली सौंफ खाने से खून साफ होता है जो कि त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है, इससे त्वचा में चमक आती है।

 

थायराइड   -   आयुर्वेद उपचार

1) त्रिकटु चूर्ण - 50 ग्राम
2) बहेड़ा चूर्ण - 20 ग्राम
3) प्रवाल पिष्टी - 10 ग्राम

      सब को अच्छे से मिलाकर डब्बा में रख लें, 1-1 ग्राम एक चम्मच शहद में मिलाकर लें, सुबह और शाम, खाने से एक घंटा पहले ।

2) कांचनार गुग्गुल
3) वृद्धि वाटिका वटी
    दोनों में से 1-1 गोली, सुबह और शाम, खाने के 20 मिनट बाद लें ।

- साथ में मोटापा भी है तब दवा लेना है

4) मेदोहर वटी
    1-1 गोली, सुबह और शाम, खाने के 20 मिनट बाद लें ।

 

ठंड के मौसम में हाथ पैरों का फटना - होम्योपैथिक उपचार

1) Petroleum 30
   2-2 बूंद जीभ पर, दिन में तीन बार, खाने से आधा घंटा पहले लें

2) Petroleum Cream
   दिन में दो बार लगना है ।

 

गोभी, गाजर और मटर का अचार मिक्स अचार

खाने की टेबल पर लगे हुये अचार और चटनी खाने के स्वाद और भूख दोनों को बड़ाते है, ये अचार कई तरह के होते हैं, कई तरीके से बनाये जाते हैं. कुछ अचार तो साल दो साल तक रखे जाते हैं और कुछ मौसम के अनुसार बनाये जाते हैं और जल्दी ही यानी 20 -25 दिन में खतम कर लिये जाते हैं, इस सर्दी के मौसम में फूल गोभी, गाजार, मटर, बीन्स और शलजम इत्यादि को मिला कर मिक्स अचार बना कर खूब खाया जा सकता है, इस अचार को बनाने के लिये अपनी इच्छा के अनुसार सब्जियां चुन लीजिये और अचार बना लीजिये, तो आइये मिक्स अचार (mix vegetable pickle) बनाते हैं.

आवश्यक सामग्री -

गोभी - 500 ग्राम (कटे हुये 2 1/2 कप )
गाजर - 500 ग्राम ( कटे हुये 2 1/2 कप)
हरे मटर के दाने या शलजम - 200 ग्राम ( 1 कप)
हींग - एक चने के दाने के बराबर
सरसों का तेल - 100 ग्राम ( आधा कप )
पीली सरसों - 2 टेबल स्पून (पिसी हुई)
हल्दी पाउडर - 1 छोटी चम्मच
लाल मिर्च पाउडर - 1 छोटी चम्मच
सिरका - एक टेबल स्पून (2 नीबू का रस)
नमक - स्वादानुसार ( 2 1/2 छोटी चम्मच)

विधि

गोभी को बड़े बड़े टुकड़ों में काट लीजिये( पानी गरम कीजिये और 1 छोटी चम्मच नमक मिलाइये) इस पानी में गोभी के टुकड़े डाल कर, ढककर, 10 - 15 मिनिट के लिये रख दीजिये, अब गोभी को इस पानी से निकालिये और साफ पानी से धोइये.  गाजर धोइये, छीलिये और फिर से धोइये अब इन गाजर के 2 इंच लम्बे पतले टुकड़े काट लीजिये. मटर छीलिये, दाने धो लीजिये.

किसी बर्तन में इतना पानी गरम करने रख दीजिये कि सब्जियां पूरी तरह डूब सकें, पानी में उबाल आने पर, सारी कटी हुई सब्जियां उबलते पानी में डालिये, 3 -4 मिनिट उबालिये और ढककर 5 मिनिट के लिये रख दीजिये.

सब्जियों का पानी किसी चलनी में छान कर निकालिये और सब्जी को किसी धुले मोटे कपड़े के ऊपर, डाल कर धूप में  4-5 घंटे सुखाइये.

जब सब्जियों में पानी बिलकुल न रहें तब इन्हें एक बड़े बर्तन में डालिये, तेल को कढ़ाई में डालकर गरम कीजिये, तेल गरम होने के बाद गैस प्लेम बन्द कर दीजिये, तेल को हल्का गरम रहने पर, पीली सरसों, हल्दी पाउडर, नमक, लाल मिर्च, हींग पीस कर डालिये और सब्जियों में डालकर अच्छी तरह मिला दीजिये, सिरका या नीबू का रस भी मिला दीजिये.

अचार को सूखे हुये कांच या प्लास्टिक कन्टेनर में भर कर रख दीजिये, 2 दिन में 1 बार चमचे से अचार को ऊपर नीचे कर दीजिये.  3-4  दिन में यह अचार खट्टा और स्वादिष्ट हो जाता है.

गोभी, गाजर, मटर का अचार (mix vegetable pickle) तैयार है, अचार को कभी भी कन्टेनर से निकालिये और खाइये, यह अचार 1 महिने तक बिलकुल अच्छा रहता है,  अधिक दिन चलाने के लिये, अचार को फ्रिज में रखा जा सकता है या अचार में इतना तेल डाल दीजिये कि अचार तेल में डूबा रहे। 

सौंफ (पतली और मोटी) के फायदे, नुकसान, सेवन का तरीका और औषधीय प्रयोग

सौंफ भारतीय रसोई का एक प्रमुख मसाला है, जो अपने औषधीय गुणों के कारण भी प्रसिद्ध है। पतली सौंफ (जिसे मीठी सौंफ भी कहते हैं) और मोटी सौंफ दोनों ही उपयोगी हैं, लेकिन इनके उपयोग और लाभ थोड़े अलग हो सकते हैं।


सौंफ के फायदे

1. पाचन में सुधार

  • सौंफ गैस, अपच और पेट दर्द को कम करती है।
  • पतली सौंफ पाचन तंत्र को शांत करती है, जबकि मोटी सौंफ भोजन को जल्दी पचाने में मदद करती है।

2. वजन घटाने में सहायक

  • सौंफ का पानी पीने से चयापचय (मेटाबॉलिज्म) तेज होता है और वजन घटाने में मदद मिलती है।

3. सांस की दुर्गंध दूर करता है

  • सौंफ को चबाने से सांस ताजी रहती है।

4. नेत्र स्वास्थ्य

  • सौंफ में विटामिन A होता है, जो आंखों के लिए फायदेमंद है।

5. हार्मोनल संतुलन

  • महिलाओं के लिए, सौंफ मासिक धर्म के दर्द को कम करने और हार्मोन को संतुलित करने में मदद करती है।

6. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है

  • सौंफ में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं।

7. त्वचा और बालों के लिए लाभकारी

  • सौंफ का सेवन त्वचा को चमकदार बनाता है और बालों के झड़ने को रोकता है।

सौंफ के नुकसान

  1. अधिक सेवन से नुकसान

    • ज्यादा सौंफ खाने से गैस्ट्रिक समस्याएं, जैसे पेट दर्द या अपच हो सकता है।
  2. एलर्जी का खतरा

    • कुछ लोगों को सौंफ से एलर्जी हो सकती है, जिससे खुजली या सूजन हो सकती है।
  3. गर्भावस्था में सावधानी

    • गर्भवती महिलाओं को अधिक मात्रा में सौंफ का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह गर्भाशय को उत्तेजित कर सकता है।

सौंफ का सेवन का तरीका

  1. पानी के साथ (सौंफ का पानी):

    • 1 चम्मच सौंफ को रातभर पानी में भिगोकर रखें। सुबह इसे छानकर पिएं।
    • यह वजन घटाने और डिटॉक्सिफिकेशन के लिए फायदेमंद है।
  2. चाय के रूप में:

    • 1 चम्मच सौंफ को पानी में उबालें। स्वाद के लिए शहद या नींबू मिला सकते हैं।
    • यह पाचन के लिए उत्तम है।
  3. कच्ची चबाकर:

    • भोजन के बाद सौंफ को मिश्री के साथ चबाएं।
    • यह माउथ फ्रेशनर का काम करता है और पाचन में मदद करता है।
  4. सौंफ का पाउडर:

    • पतली और मोटी सौंफ को मिलाकर पाउडर बनाएं। इसे दिन में 1-2 बार पानी या दूध के साथ लें।

सौंफ के औषधीय प्रयोग

  1. गैस और अपच:

    • 1 चम्मच सौंफ और अजवायन को भूनकर पाउडर बना लें। इसे गर्म पानी के साथ सेवन करें।
  2. मासिक धर्म दर्द:

    • सौंफ के चूर्ण को गर्म पानी में मिलाकर पिएं। यह दर्द को कम करता है।
  3. सर्दी-जुकाम:

    • सौंफ, तुलसी, और अदरक को उबालकर काढ़ा बनाएं। इसे गर्म पिएं।
  4. आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए:

    • सौंफ और मिश्री को मिलाकर खाएं।
  5. वजन घटाने के लिए:

    • सौंफ का पानी सुबह खाली पेट पिएं।
  6. दूध बढ़ाने के लिए (स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए):

    • सौंफ को भिगोकर या सौंफ चाय पीने से स्तनपान में मदद मिलती है।
  7. गले की खराश:

    • सौंफ और मुलेठी चबाने से गले की खराश में राहत मिलती है।

पतली और मोटी सौंफ का अंतर

  • पतली सौंफ: ज्यादा मीठी होती है, और इसे खाने के बाद माउथ फ्रेशनर के रूप में अधिक उपयोग किया जाता है।
  • मोटी सौंफ: औषधीय गुणों में अधिक प्रभावी होती है और इसे काढ़े या पानी में उबालकर पीने के लिए उपयोग किया जाता है।

ध्यान रखने योग्य बातें:

  • सौंफ का सेवन हमेशा सीमित मात्रा में करें।
  • यदि कोई गंभीर बीमारी है तो डॉक्टर की सलाह लें।
  • शुद्ध और बिना केमिकल की सौंफ का उपयोग करें।

सौंफ के इन गुणों और उपयोगों को ध्यान में रखकर इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।

 

 

 

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