शुक्रवार, 26 जून 2020

शुगर/मधुमेह रोगियों के लिए आहार एवं दिनचर्या

शुगर/मधुमेह रोगियों के लिए आहार एवं दिनचर्या

1. ब्रह्म महुर्त अथवा सूर्योदय से पूर्व उठें एवं 1से 3 गिलास (जितना भी आसानी से ग्रहण कर सकें) गुनगुना जल पियें। (जिनको भी शौच आसानी से ना आती हो या कब्ज रहती हो उन्हें आवश्यक रूप से पीना चाहिए)
2. शौच से निवर्त होकर स्नान करें। *(स्नान की विधियों की चर्चा बाद में करेंगें।)
3. स्वच्छ, हरियाली पूर्ण उद्यान / खुले आकाश में व्यायाम करें। *( व्यायाम किस प्रकार से व कौनसे करने हैं, अलग से मैसेज कर के पूछें।)
4. व्यायाम एवं ध्यान के पश्चात सुबह का नाश्ता करें। (प्रातः 9 बजे तक अवश्य करें, देर ना करें)

सुबह का रसपूर्ण नाश्ता
बादाम                : 4-5 पीस या
मूंगफली             : 20-30 ग्राम
मुन्नका               : 4-5 पीस
अखरोट             : 1 पीस

दानामैथी/ मैथीमिक्सचर  : 1 चम्मच 10-15 ग्राम मिक्सचर (विधि के लिए पूछें)
सौंफ                  : 1 से 2 चम्मच
सूरजमुखी बीज   : 1 से 2 चम्मच
तिल (नेचुरल)     : 1 से 2 चम्मच
हरे मूंग               : 15 से 30 ग्राम

कच्ची लौकी/घीया  : 50 से 150 ग्राम (छिल कर, गोल काट कर)
करेला / करेला मिक्सचर : 1/4 ( मध्यम आकार) या 10-20 ग्राम करेला मिक्सचर (विधि के लिए पूछें)

मोसंबी     : 3 से 4
संतरा      : 1
अन्नानास : 100 ग्राम
आलूबुखारा : 3-5 पीस
तरबूज/खरबूजा  : 50- 100 ग्राम
सेब : 1/4 पीस
अनार  : 1/4 पीस
पपीता  : 20 से 30 ग्राम
कच्चा नारियल  : 1-2 छोटे पीस

आँवला (पाउडर / सूखा) : 5 से 10 ग्राम (विधि के लिए पूछें)
हर्बल टी
छाछ   : 500 ग्राम तक

5. दोपहर का भोजन करें।

दोपहर का रसपूर्ण भोजन
◆ हरे मूँग की दाल का पानी/सूप
◆ रसयुक्त सब्जी ( लौकी, टमाटर, दाल (तुअर/अरहर को छोड़कर), ग्वारफली, टिंडे, कच्चे तरबूज, कच्ची पपीता की सब्जी, अन्य ऋतुअनुसार उपलब्ध सब्जियां। कढ़ी, छोले, राजमा, मंगोड़ी, बेसन गट्टे आदि।
◆ चावल (दाल के साथ ना खाएं)।
◆ चपाती / बाटी / बाफला बाटी (मोटे आटे के)
◆ सलाद ( खीरा, टमाटर, ककड़ी, शिमलामिर्च आदि)
◆ कैरी की लोंजी, लेहसवे/गोन्दे का ताजा अचार, चटनी
◆ आटे/ डॉयफ्रूट से बनी (कम मीठे) गुड़ की मिठाई
◆ छाछ, कैरी का पाना
◆ रोस्टेड अलसी : 1-2 चम्मच
◆ फूलमखाने या मिक्सचर : 1-2 चम्मच

6. दोपहर के भोजन में लाल मिर्च, रिफाइंड तैल, मैदा, सफेद/ सागरी नमक, सफेद चीनी, मीठे सोडे, अजीनोमोटो, टाटरी/ साटरि, अन्य किसी भी प्रकार के कैमिकल या प्रीजर्वेटिव का प्रयोग नहीं होना चाहिए।

7. संध्या समय (सूर्यास्त से पहले) अगर भूख लगे तो सुपाच्य भोजन करें  अन्यथा भोजन की विशेष आवश्यकता नहीं है।
सुपाच्य भोजन : मोरधन/ सांवक/ सोंखया का पुलाव/उपमा, कुटु, राजगीर के पकवान, रोटी/ टिकिया, फूलमखाने, सांवक/ सोंखया, किनोआ की खिचड़ी ले सकते हैं।
8. संध्या समय सिर्फ फलों अथवा सब्जियों के सूप का सेवन करें।
9. आप सौंफ़ शर्बत, आँवला शर्बत, पपीता रस (कच्चे नारियल के दूध से बना), बील शर्बत, लौकी का सूप आदि भी ले सकतें हैं।
10. दूध या दूध से बनी चाय एवं मिठाई का सेवन लेशमात्र भी ना करें।
11. रात्रि शयन 10 बजे तक आवश्यक रूप से करें। 

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