बुधवार, 30 नवंबर 2022

प्रसव के बाद जननी की मालिश

 प्रसव के बाद जननी की मालिश क्यों है ज़रूरी और जानिये क्या हैं इसके फायदे

 

माँ बनना एक सुखद एहसास है, पर इसके लिए महिलाओं को असहनीय प्रसव पीड़ा झेलनी पड़ती है और फिर जाकर उन्हें वो ख़ुशी की किलकारी सुनने को मिलती है। प्रसव के बाद महिला का शरीर काफ़ी कमज़ोर रहता है और इस कारण उनको ख़ास केयर की ज़रूरत होती है। सिर्फ सही खान-पान ही नहीं बल्कि शारीरिक देखभाल की भी ज़रूरत होती है और इसी कारण नयी माँ को मसाज यानी मालिश की भी ज़रूरत होती है क्यूंकि इससे माँ को बहुत से फायदे होते हैं। नीचे कुछ ऐसे ही फायदों के बारे में हम बता रहे हैं।

1. प्रसव के बाद महिलाओं के शरीर में काफी दिनों तक दर्द रहता है जो की मालिश करने से दूर होता है क्यूंकि मालिश से मांसपेशियों को पोषण मिलता है और उनको आराम मिलता है।

2. मसाज से शरीर में रक्त संचार तेज़ होता है जिससे माँ का दूध बनने में मदद मिलती है और इससे माँ ना सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक तौर पर भी रिलैक्स रहती है।

3. मालिश के लिए सबसे अच्छे तिल और अरंडी के तेल होते हैं जो त्वचा में ग्लो और कसाव भी लाता है ।

4. इसके आलावा अगर आप सुगन्धित तेल से मसाज करवाती हैं तो आपको और ज़्यादा आराम मिलेगा और आप खुद को तनावमुक्त महसूस करेंगी।

5. मालिश प्रेगनेंसी के बाद बढ़े हुए वज़न को भी घटाता है क्यूंकि मालिश करने से फैट बर्न होता है और इस कारण आप प्रेगनेंसी के बाद अपने पुराने वाले फिगर में वापस आ सकती  हैं।

6. आपको जानकर थोड़ा आश्चर्य हो सकता है की मालिश से स्ट्रेच मार्क्स भी कम हो सकते हैं और कोशिश करें मालिश के वक़्त प्राकृतिक तेल का ही इस्तेमाल करने की ।

पर मालिश करवाते वक़्त यह ज़रूर ध्यान रखें की आप ज़ोर से मालिश ना करवाएं क्यूंकि प्रसव के बाद आपका शरीर कमज़ोर होता है और डिपेंड करता है की आपकी नार्मल डिलीवरी हुई है या सी-सेक्शन क्यूंकि सी-सेक्शन में अगर मालिश करवा रहे हैं तो खास सावधानी बरतने की ज़रूरत होती है, इसलिए मालिश कराएं पर ध्यान से। 

प्रसव के बाद जननी की मालिश को आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। यह प्रक्रिया माँ के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बहाल करने, दर्द और तनाव को कम करने और संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार लाने में सहायक होती है। यहाँ प्रसव के बाद मालिश के प्रमुख कारण और उसके लाभ दिए गए हैं:

प्रसव के बाद मालिश क्यों ज़रूरी है?

  1. शरीर को पुनः स्फूर्ति दिलाने के लिए: प्रसव के दौरान माँ का शरीर अत्यधिक तनाव और कमजोरी का सामना करता है। मालिश शरीर को फिर से ताकत और स्फूर्ति प्रदान करती है, जिससे माँ जल्दी ठीक हो पाती है।

  2. शरीर के अंगों को पुनः सामान्य स्थिति में लाने के लिए: प्रसव के बाद पेट की मांसपेशियों और अंगों को सामान्य स्थिति में लाने के लिए मालिश बहुत उपयोगी होती है। यह गर्भाशय को वापस अपनी जगह पर आने में मदद करती है।

  3. रक्त प्रवाह में सुधार: मालिश से रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों का संचार सुचारू रूप से होता है। यह माँ को थकान और कमजोरी से उबरने में मदद करता है।

  4. मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द में राहत: प्रसव के दौरान मांसपेशियों और जोड़ों पर काफी दबाव पड़ता है। मालिश से इन हिस्सों में होने वाले दर्द और तनाव से राहत मिलती है।

  5. तनाव और अवसाद को कम करना: प्रसव के बाद कई महिलाएं शारीरिक और मानसिक थकावट का अनुभव करती हैं। मालिश तंत्रिका तंत्र को शांत करती है और प्रसवोत्तर अवसाद (पोस्टपार्टम डिप्रेशन) से बचने में मदद करती है।

  6. दूध उत्पादन में सुधार: मालिश से शरीर में रक्त संचार बढ़ने के कारण दूध उत्पादन में सुधार होता है। यह स्तनपान को सुचारू और आसान बनाता है।

  7. त्वचा की लोच में सुधार: प्रसव के बाद त्वचा की लोच कम हो जाती है। मालिश त्वचा को पुनः लचीला और मुलायम बनाने में मदद करती है, जिससे त्वचा में कसावट आती है।

प्रसव के बाद मालिश के फायदे:

  1. शरीर को मजबूत बनाना: मालिश से माँ का शरीर धीरे-धीरे पहले जैसा मजबूत होता है। यह मांसपेशियों की थकान को दूर करता है और माँ को पुनः शक्ति प्राप्त करने में मदद करता है।

  2. पाचन में सुधार: प्रसव के बाद पाचन क्रिया धीमी हो सकती है। मालिश से पाचन में सुधार होता है, और कब्ज या गैस जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

  3. गर्भाशय के सिकुड़ने में मदद: मालिश गर्भाशय को अपनी सामान्य स्थिति में लौटने में मदद करती है और गर्भाशय के सिकुड़ने की प्रक्रिया को तेज करती है।

  4. प्राकृतिक दर्द निवारक: मालिश के दौरान शरीर में एंडोर्फिन नामक प्राकृतिक दर्द निवारक हार्मोन रिलीज होते हैं, जो प्रसव के बाद होने वाले दर्द और असुविधा से राहत दिलाते हैं।

  5. हड्डियों और जोड़ों को राहत: प्रसव के बाद कई महिलाओं को पीठ, कूल्हों और पैरों में दर्द होता है। मालिश से इन सभी हिस्सों को राहत मिलती है और शरीर को फिर से लचीला और मजबूत बनाया जाता है।

  6. मानसिक स्वास्थ्य में सुधार: मालिश से शारीरिक थकान के साथ-साथ मानसिक तनाव भी कम होता है। यह माँ को मानसिक रूप से शांति और सुकून प्रदान करता है।

प्रसव के बाद मालिश के लिए उपयोगी तेल:

  • तिल का तेल: यह गर्म तासीर वाला होता है और वात दोष को संतुलित करने में मदद करता है। तिल का तेल मांसपेशियों को आराम देता है और त्वचा को पोषण प्रदान करता है।
  • नारियल का तेल: यह ठंडा तासीर वाला होता है और त्वचा को ठंडक और नमी प्रदान करता है। यह सूजन को कम करने और त्वचा को मुलायम बनाने में मदद करता है।
  • सरसों का तेल: यह रक्त प्रवाह को सुधारता है और मांसपेशियों को सुदृढ़ बनाता है।
  • देसी घी: देसी घी से मालिश करने पर शरीर को गहरी पोषण मिलता है और यह अत्यधिक सूखापन और थकान को दूर करता है।

मालिश का समय और आवृत्ति:

प्रसव के तुरंत बाद मालिश शुरू की जा सकती है, लेकिन आमतौर पर डॉक्टर की सलाह से इसे शुरू करना बेहतर होता है। शुरू के 40 दिनों तक मालिश करने की सलाह दी जाती है, जिससे माँ का शरीर जल्दी से पुनः स्वस्थ हो सके।

निष्कर्ष:

प्रसव के बाद मालिश माँ के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होती है। यह न केवल शरीर को पुनः स्फूर्ति देती है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक संतुलन भी बनाए रखती है। नियमित मालिश से माँ को प्रसव के बाद जल्दी ठीक होने और नवजात शिशु की देखभाल के लिए शारीरिक रूप से तैयार होने में मदद मिलती है।


 


 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Please Do not Enter Any Spam Link in the Comment Box.
कृपया कमेंट बॉक्स में कोई स्पैम लिंक न डालें।

बाल झड़ने के प्रमुख कारण इलाज

*◆बालों के झड़ने का  इलाज◆*   बाल झड़ने के प्रमुख कारण  इलाज बाल झड़ने का कारण कई शारीरिक, मानसिक और पर्यावरणीय कारकों का परिणाम हो सकता है...