क्यो होता है पीलिया और क्या है इसके लक्षण जानिये पीलिया से बचने के घरेलू उपचार सिर्फ 3 दिन में करें पीलिया को जड़ से ख़त्म |
पीलिया (जॉन्डिस) एक ऐसा रोग है जिसमें शरीर में बिलीरुबिन नामक पिगमेंट का स्तर बढ़ जाता है, जिससे त्वचा, आंखें, और नाखून पीले रंग के हो जाते हैं। यह समस्या लिवर (यकृत) से जुड़ी होती है और आमतौर पर लिवर के खराब कामकाज, रक्त कोशिकाओं के अत्यधिक टूटने, या पित्त नली में रुकावट के कारण होती है।
पीलिया के कारण (Causes of Jaundice)
लिवर की समस्याएं:
- हेपेटाइटिस (यकृत की सूजन)
- सिरोसिस (लिवर का स्थायी नुकसान)
- फैटी लिवर
रक्त कोशिकाओं का तेज़ी से टूटना (Hemolysis):
जिससे शरीर में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाता है।पित्त नली में रुकावट:
गॉल ब्लैडर स्टोन, ट्यूमर, या किसी संक्रमण के कारण पित्त प्रवाह बाधित हो सकता है।संक्रमण:
जैसे वायरल हेपेटाइटिस, मलेरिया, या डेंगू।
पीलिया के लक्षण (Symptoms of Jaundice)
- त्वचा, आंखों, और नाखूनों का पीला होना।
- पेशाब का गहरा पीला या नारंगी रंग।
- भूख न लगना और वजन कम होना।
- थकान और कमजोरी।
- पेट के ऊपरी दाईं ओर दर्द या भारीपन।
- मल का रंग हल्का या सफेद होना।
- बुखार (यदि संक्रमण मौजूद हो)।
- खुजली (बिलीरुबिन के उच्च स्तर के कारण)।
आयुर्वेद के अनुसार पीलिया और उपचार
आयुर्वेद में कारण (Ayurvedic Causes)
आयुर्वेद के अनुसार पीलिया मुख्यतः पित्त दोष के असंतुलन के कारण होता है। यह यकृत (लिवर) और रक्त में अशुद्धियों के कारण उत्पन्न होता है।
आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic Remedies)
a) जड़ी-बूटियां (Herbs)
भृंगराज:
भृंगराज का रस या पाउडर लिवर के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत प्रभावी है।- सेवन: भृंगराज का रस दिन में दो बार शहद के साथ लें।
आंवला:
यह विटामिन C का बेहतरीन स्रोत है और लिवर को मजबूत बनाता है।- सेवन: ताजा आंवला का रस या मुरब्बा खाएं।
गिलोय:
यह लिवर को साफ करने और पाचन सुधारने में सहायक है।- सेवन: गिलोय का काढ़ा दिन में दो बार पिएं।
कटुकी (Picrorhiza kurroa):
यह लिवर की सफाई और पाचन तंत्र को सुधारती है।- सेवन: कटुकी पाउडर शहद या पानी के साथ लें।
b) घरेलू उपचार (Home Remedies)
गन्ने का रस:
गन्ने का ताजा रस दिन में दो बार पिएं। यह शरीर को डिटॉक्स करता है और लिवर को स्वस्थ बनाता है।नींबू और पुदीना:
नींबू के रस में पुदीने का रस मिलाकर पिएं। यह पित्त दोष को संतुलित करता है।हल्दी का सेवन:
हल्दी में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं जो लिवर की सफाई में सहायक हैं।- सेवन: हल्दी दूध में मिलाकर पिएं।
मुलेठी:
यह पाचन सुधारने और लिवर को स्वस्थ बनाने में मदद करती है।- सेवन: मुलेठी का काढ़ा पिएं।
चिकित्सा विज्ञान के अनुसार पीलिया और उपचार
मेडिकल टेस्ट
- बिलीरुबिन टेस्ट:
बिलीरुबिन का स्तर जांचने के लिए। - लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT):
लिवर की स्थिति का पता लगाने के लिए। - अल्ट्रासाउंड या CT स्कैन:
पित्त नली में रुकावट की जांच के लिए।
मेडिकल उपचार (Medical Treatment)
- लिवर संक्रमण के लिए दवाएं:
- हेपेटाइटिस के लिए एंटीवायरल या एंटीबायोटिक दवाएं।
- हाइड्रेशन:
डिहाइड्रेशन रोकने के लिए ORS या IV फ्लूड्स। - शल्य चिकित्सा (Surgery):
पित्त नली की रुकावट या गॉल ब्लैडर स्टोन को हटाने के लिए।
आहार और जीवनशैली (Diet & Lifestyle Changes)
परहेज करें:
- वसायुक्त और तले-भुने भोजन से।
- शराब और धूम्रपान से।
आहार में शामिल करें:
- ताजे फलों का रस (जैसे, गन्ना, अनार, संतरा)।
- हरी सब्जियां (पालक, लौकी)।
- हल्का और सुपाच्य भोजन।
भरपूर आराम करें:
शरीर को ठीक होने के लिए आराम की आवश्यकता होती है।
सावधानियां
- डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा न लें।
- समय-समय पर रक्त जांच करवाएं।
- संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता का ध्यान रखें।
- पीलिया के लक्षण नजर आते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
सारांश:
पीलिया लिवर की समस्या के कारण होता है और इसके उपचार के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां, संतुलित आहार, और चिकित्सा उपचार अत्यंत प्रभावी हैं। लिवर की देखभाल और सही समय पर चिकित्सा से इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।
पीलिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें त्वचा और आंखों के स्क्लेरा में पीलापन आ जाता है। यह स्थिति तब होती है जब रक्त में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार पीलिया के कारण:
१) पित्त दोष की वृद्धि: आयुर्वेद के अनुसार, पीलिया पित्त दोष की वृद्धि के कारण होता है। पित्त दोष की वृद्धि से रक्त में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाता है।
२) आहार-विहार की गलती: आयुर्वेद के अनुसार, पीलिया आहार-विहार की गलती के कारण भी हो सकता है। यदि आहार में पित्त दोष को बढ़ाने वाले पदार्थों का सेवन किया जाए, तो पीलिया हो सकता है।
चिकित्सा विज्ञान के अनुसार पीलिया के कारण:
१) हेपेटाइटिस: हेपेटाइटिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर में सूजन होती है। यह स्थिति पीलिया का एक प्रमुख कारण हो सकती है।
२) लिवर की बीमारी: लिवर की बीमारी पीलिया का एक प्रमुख कारण हो सकती है। यदि लिवर में कोई बीमारी होती है, तो रक्त में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाता है।
३) पित्त नलिका की रुकावट: पित्त नलिका की रुकावट पीलिया का एक प्रमुख कारण हो सकती है। यदि पित्त नलिका में कोई रुकावट होती है, तो रक्त में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाता है।
पीलिया के लक्षण:
१) त्वचा और आंखों के स्क्लेरा में पीलापन: पीलिया का सबसे आम लक्षण त्वचा और आंखों के स्क्लेरा में पीलापन होता है।
२) उल्टी और दस्त: पीलिया के कारण उल्टी और दस्त हो सकते हैं।
३) पेट में दर्द: पीलिया के कारण पेट में दर्द हो सकता है।
४) थकान और कमजोरी: पीलिया के कारण थकान और कमजोरी हो सकती है।
आयुर्वेदिक उपाय:
१) कटuki और कुमारी आसव: कटuki और कुमारी आसव पीलिया के इलाज में बहुत फायदेमंद होते हैं।
२) पित्तपापड़ा और पित्तपापड़ा क्वाथ: पित्तपापड़ा और पित्तपापड़ा क्वाथ पीलिया के इलाज में बहुत फायदेमंद होते हैं।
३) त्रिफला और त्रिफला चूर्ण: त्रिफला और त्रिफला चूर्ण पीलिया के इलाज में बहुत फायदेमंद होते हैं।
चिकित्सा विज्ञान के अनुसार उपाय:
१) हेपेटाइटिस का इलाज: हेपेटाइटिस का इलाज पीलिया के इलाज में बहुत फायदेमंद होता है।
Swami Ramdev
क्या है पीलिया?
पीलिया (Jaundice) एक गंभीर बीमारी है, जो लिवर से जुड़ी होती है.
क्यो होता है पीलिया
यह बीमारी दूषित पानी और खाना खाने की वजह से होती है.
क्या होता है इसका असर?
इसमें मरीज की त्वचा से लेकर आंखें, नाखून, पेशाब का रंग पीला हो जाता है. इसके साथ ही लिवर कमजोर हो जाता है. अगर पीलिया ज्यादा बढ़ा जाए, तो लिवर ठीक से काम करना बंद कर देता है. इस बीमारी में भूख लगना धीरे-धीरे कम हो जाती है. अगर समय पर इसका इलाज न मिले, तो मरीज की जान भी जा सकती है
पीलिया के लक्षण (Symptoms of jaundice)
बुखार
कमजोरी और भूख न लगना
वजन कम होना
उल्टी आना
पेट दर्द और कब्ज बनना
सिरदर्द, शरीर में जलन और खुजली होना
पीलिया दूर करने के घरेलू उपाय (Home Remedies for Jaundice)
त्रिफला- रात में त्रिफला भिगोकर रख दें और सुबह उस पानी को छान कर पी लें. इस तरह कुछ दिनों में पीलिया से राहत मिल जाएगी.
खड़ा धनिया- खड़े धनिया को रातभर भिगकर रख दें. इसका पानी सुबह उठकर पी लें. इस तरह पीलिया से छुटकारा मिल सकता है.
नीम- इसके पत्तों का रस निकालकर या चटनी खाने से पीलिया का मरीज सही हो सकता है.
टमाटर- इसमें एंटीऑक्सिडेंट गुण होता है. अगर सुबह खाली पेट टमाटर का जूस पिएंगे, तो पीलिया से राहत मिल सकती है.. इसका स्वाद बढ़ाने के लिए थोड़ी काली मिर्च और नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं.
विटामिन सी- पीलिया के मरीज को विटामिन सी वाले फल खिलाएं. जैसे नींबू, संतरा और आंवला.
गन्ने का रस- गर्मी के दिनों में पीलिया के मरीजों को गन्ने का रस पिला सकते हैं.
पीलिया (Jaundice) एक गंभीर बीमारी है, जो लिवर से जुड़ी होती है. यह बीमारी दूषित पानी और खाना खाने की वजह से होती है. इसमें मरीज की त्वचा से लेकर आंखें, नाखून, पेशाब का रंग पीला हो जाता है. इसके साथ ही लिवर कमजोर हो जाता है. अगर पीलिया ज्यादा बढ़ा जाए, तो लिवर ठीक से काम करना बंद कर देता है. इस बीमारी में भूख लगना धीरे-धीरे कम हो जाती है. अगर समय पर इसका इलाज न मिले, तो मरीज की जान भी जा सकती है. इससे छुटकारा पाने के लिए कई तरह का इलाज कराया जाता है, लेकिन आप इसका इलाज कुछ घरेलू उपाय अपनाकर भी कर सकते हैं. आइए आपको पीलिया के लक्षण और उससे बचने के उपाय बताते हैं.
पीलिया के लक्षण (Symptoms of jaundice)
बुखार
कमजोरी और भूख न लगना
वजन कम होना
उल्टी आना
पेट दर्द और कब्ज बनना
सिरदर्द, शरीर में जलन और खुजली होना
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पीलिया दूर करने के घरेलू उपाय (Home Remedies for Jaundice)
त्रिफला- रात में त्रिफला भिगोकर रख दें और सुबह उस पानी को छान कर पी लें. इस तरह कुछ दिनों में पीलिया से राहत मिल जाएगी.
खड़ा धनिया- खड़े धनिया को रातभर भिगकर रख दें. इसका पानी सुबह उठकर पी लें. इस तरह पीलिया से छुटकारा मिल सकता है.
नीम- इसके पत्तों का रस निकालकर या चटनी खाने से पीलिया का मरीज सही हो सकता है.
टमाटर- इसमें एंटीऑक्सिडेंट गुण होता है. अगर सुबह खाली पेट टमाटर का जूस पिएंगे, तो पीलिया से राहत मिल सकती है.. इसका स्वाद बढ़ाने के लिए थोड़ी काली मिर्च और नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं.
विटामिन सी- पीलिया के मरीज को विटामिन सी वाले फल खिलाएं. जैसे नींबू, संतरा और आंवला.
गन्ने का रस- गर्मी के दिनों में पीलिया के मरीजों को गन्ने का रस पिला सकते हैं.
ये सावधानियां बरतें
लिवर को स्वस्थ्य रखना होगा.
सादा भोजन खाएं.
पीलिया ठीक हो जाए, तो कुछ दिनों तक खिचड़ी, दलिया खाएं.
अपने खानपान में मूली, गोभी, दही को शामिल करें.
भरपूर मात्रा में पानी पिएं.
शराब या कोई अन्य नशा न करें.
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